Jharkhand News: 'यहां चलती मास्टर साहब की मर्जी... ' देवघर में बदहाल शिक्षा-व्यवस्था की खुली पोल; ग्रामीणों ने लगाए ये आरोप
झारखंड के देवघर में शिक्षा-व्यवस्था बदहाल है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां के कई स्कूलों में समय से पहले विद्यालय बंद कर दिए जाते हैं। साथ ही बच्चे अपनी मस्ती में रहते हैं और गुरुजी अपने समूह में लगे रहते हैं। इतना ही नहीं कहीं-कहीं तो स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था सही नहीं है। खाना मेन्यू के अनुसार नहीं दिए जाते हैं।
By Ravish SinhaEdited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 22 Nov 2023 06:39 PM (IST)
अनुज भोक्ता, सारठ (देवघर)। शिक्षा व्यवस्था का हाल काफी दयनीय है। शिक्षक अपने मन से जब मन तब स्कूल बंद कर दे रहे हैं। एमडीएम के मेन्यू को भी बदल देते हैं। विद्यालय में शौचालय का हाल भी बद से बदतर है।
बुधवार को दो बजे जमुवासोल पंचायत के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय भुइंयाडीह का जागरण की टीम ने जायजा लिया तो विद्यालय में ताला बंद मिला। स्कूल में ना तो शिक्षक थे और ना ही बच्चे।
ग्रामीण से पूछने पर बताया कि स्कूल में एक शिक्षक आए थे। करीब डेढ़ बजे ही स्कूल बंद करके चले गए। सरकारी गाइड लाइन के मुताबिक, तीन बजे तक विद्यालय में पठन-पाठन होना है, लेकिन यहां तो डेढ़ घंटा पहले ही स्कूल बंद कर दिया गया। आज स्कूल में पठन-पाठन में हो रही अनियमितता में बीआरपी बहुत बड़ा रोड़ा है।
गोबिंदपुर स्कूल में मिले केवल 28 बच्चे
मध्य विद्यालय गोबिंदपुर में 175 में मात्र 28 बच्चे उपस्थित फुलचुवां पंचायत के राजकीयकृत मध्य विद्यालय गोबिंदपुर में भी अव्यवस्था का आलम देखा गया। करीब डेढ़ बजे विद्यालय पहुंचे। विद्यालय में 28 बच्चे मौजूद थे, जबकि शिक्षक से पूछने पर बताया कि एक से लेकर आठवीं तक में 175 बच्चे नामांकित हैं।
उपस्थित 28 बच्चे में कुछ बच्चे बेंच डेस्क पर बैठे थे तो कुछ बच्चे विद्यालय में बैठकर गेम खेल रहे थे। दो शिक्षक अपने में मशगूल दिखे।
मेन्यू के अनुसार नहीं मिलता भोजन
बच्चों ने पूछने पर बताया कि भोजन में दाल, चावल और सब्जी खिलाया गया, जबकि प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजनांतर्गत बुधवार के दिन मडुवा का हलवा या फिर लड्डू दिया जाना है।
सप्ताह में तीन दिन मोरिंगा का पत्ता दिया जाना है। इसके लिए विभाग के सचिव ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को अक्टूबर माह में ही पत्र भेज दिया है। लेकिन इसका अनुपालन स्कूलों में नहीं हो रहा है।
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