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श्रावणी मेले का काउंटडाउन शुरू: हाईटेक है मेले का कंट्रोल रूम, हजारों की तादात में होगी पुलिस की तैनाती

झारखंड के देवघर में सावन के महीने से शुरू हो रहे श्रावणी मेले को लेकर जमकर तैयारी की जा रही है। इस साल पुरुषोत्तम मास (मलमास) के कारण इस साल सावन दो माह का होगा और इसके मद्देनजर लंबे समय तक चलने वाले मेले की तैयारी भी उस हिसाब से करनी है। तीन जुलाई को मेला का विधिवत उद्घाटन संभवत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 29 Jun 2023 04:32 PM (IST)
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बाबानगरी देवघर में श्रावणी मेले की जोरो-शोरो से तैयारी।
आरसी सिन्हा, देवघर। द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक झारखंड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ विराजते हैं। यहां विश्व का सबसे लंबा एक महीना तक चलने वाला श्रावणी मेला लगता है। इस साल सावन के साथ मलमास भी लग रहा है। ऐसे में दो महीने का मानकर मेले की तैयारी की गई है। इसकी व्‍यवस्‍था को लेकर दिन-रात काम चल रहा है। चार जुलाई से मेला आरंभ होगा। इससे पहले पूरी तैयारी करने की समय सीमा तय की गयी है।

मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे मेले का उद्घाटन

तीन जुलाई को मेला का विधिवत उद्घाटन संभवत: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे। मंदिर में शीघ्रदर्शनम की सुविधा होगी, जिसमें कूपन का शुल्क पांच सौ रुपया तय किया गया है। पानी, बिजली, साफ-सफाई की व्यवस्था मुकम्मल रहे इसकी तैयारी की गयी है। इंटीग्रेटेड मेला कंट्रोल रूम को हाईटेक बनाया जा रहा है। एक जुलाई को यह तैयार हो जाएगा। कंट्रोल रूम में पहली बार काॅमन एनाउंसमेंट सिस्टम लगाया जा रहा है। एक बार सूचना प्रसारित होगी, तो वह 20 किलोमीटर के मेला क्षेत्र में सुनाई देगी।

पहली बार टू वे ऑडियो कैमरा सिस्टम लगाया जा रहा है। कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी जब कोई काॅमन सूचना देना चाहेंगे, तो वह कंट्रोल रूम से संभव होगा। मेला क्षेत्र में तैनात अधिकारी प्रशासनिक शिविर से आइपी के माध्यम से वहां बैठे अधिकारी कंट्रोल रूम को जवाब देंगे। मेला क्षेत्र में 25 से अधिक ओपी के प्रभारी पदाधिकारी कंट्रोल रूम के निर्देश पर भीड़ नियंत्रण व अन्य सूचनाओं पर अमल करेंगे।

मंदिर और मेला क्षेत्र के 60 महत्वपूर्ण प्वाइंट पर पीटीजेड कैमरा

पहली दफा 60 पीटीजेड कैमरा रूटलाइन से लेकर खास प्वाइंट पर लगाए जाएंगे। श्रावणी मेला के साथ मलमास लग रहा है। दो महीना का मेला है। चार जुलाई से शुरू हो रहा है। मेला में प्रतिदिन एक लाख से अधिक तीर्थयात्रियों का आवागमन होता है।

मेला नियंत्रण के लिए 660 सीसीटीवी कैमरा लगाए जा रहे हैं। पिछली बार चार सौ कैमरा लगाया गया था। इस बार कवर एरिया बढा दिया गया है। इसके अलावा, तकरीबन 60 पीटीजेड कैमरा चौक चौराहे पर लगाए जा रहे हैं। उससे भीड़ को क्लोज कर माॅनीटरिंग होगी।

क्या है पीटीजेड कैमरा

पीटीजेड कैमरा को पैन, टिल्ट जूम कैमरा कहा जाता है। इन कैमरों को रिमोटली ऊपर या नीचे किया जा सकता है। उसे घुमाया जा सकता है। इसे जूम कर नजदीक व दूर किया जा सकता है। मूवमेंट के समय पीटीजेड कैमरे की क्षमता दो सामान्य कैमरों के मुकाबले अधिक होती है।

कैमरे की खासियत यह है कि इसमें ऑटोमैटिक ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग फीचर होता है। इसे बाबा मंदिर, शिवगंगा तालाब, मानसिंघी, बीएड कालेज ग्राउंड, कुमैठा, नंदन पहाड़, शिवराम झा चौक, नेहरू पार्क, क्यू काम्प्लेक्स में तो लगाया जाएगा। कांवरिया पथ दुम्मा, खिजुरिया, सरासनी में लगेगा। शहर के टावर चौक, बस पड़ाव, रेलवे स्टेशन रोड में भी लगाने की तैयारी है। शिवगंगा के चारों तट पर सीसीटीवी कैमरा लग चुका है।

कंट्रोल रूम से कैसे होगा नियंत्रित

इंटीग्रेटेड मेला कंट्रोल रूम में प्रशासनिक पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, अग्निशमन पदाधिकारी, विद्युत, पीएचईडी, सड़क, निगम के कनीय अभियंता पदस्थापित रहेंगे। एनडीआरएफ और आपदा विभाग के पदाधिकारी होंगे। यहां 24 घंटे की ड्यूटी होगी, जो आठ घंटे के रोटेशन पर होगा।

मेला क्षेत्र में किसी भी विभाग की समस्या आएगी, तो कंट्रोल रूम को सूचना आएगी। कंट्रोल रूम में बैठे वरीय पदाधिकारी संबंधित विभाग को समस्या से अवगत कराएंगे। यहां बैठे संबंधित विभाग के पदाधिकारी अपनी टीम को सूचित कर विभाग के वरीय पदाधिकारी को सूचित करेंगे। टेलीकाॅम इलेक्ट्रानिक कंपनी के निदेशक रवींद्र सिंह का कहना है कि उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कंट्रोल रूम का विशेष प्लान किया है।

श्रावणी मेला में इंटीग्रेटेड मेला कंट्रोल रूम हाईटेक बनाया जा रहा है। टेलीकाॅम इलेक्ट्रानिक कंपनी को इसका जिम्मा मिला है। दो नयी चीजें इस बार हैं। एक तो टू वे ऑडियो कैमरा सिस्टम है, जिसमें दोनों तरफ से संवाद होगा। काॅमन एनाउंसमेंट सिस्टम होगा जिससे एक बार में पूरे मेला क्षेत्र में सूचना प्रसारित होगी। पहली दफा 60 पीटीजेड कैमरा लगाए जा रहे हैं। एक जुलाई तक काम पूरा करने का समय सीमा दिया गया है।

रविवार से सोमवार रात तक शहर में नहीं होगा बड़े वाहनों का प्रवेश

अनुमंडल पदाधिकारी दीपांकर चौधरी ने बस, ट्रक, ऑटो एसोसिएशन के अध्यक्षों से कहा है कि सुरक्षित व सुव्यवस्थित यातायात को प्राथमिकता देना है। मेला में रात्रि 10:30 से सुबह सात बजे तक ही व्यवसायिक व मालवाहक वाहनों का शहर में प्रवेश होगा।

मेला के दौरान रविवार रात्रि से सोमवार रात्रि तक बड़े वाहनों का शहर में बिल्कुल प्रवेश नहीं होगा। ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है। स्थानीय वाहनों के लिए भी रूट प्लान किया गया है। नो एंट्री जोन बनाया गया है। आवश्यकता होने पर इन रास्तों से सिर्फ एम्बुलेंस, अग्निशमन की गाड़ी ही जाएगी।

मेला में 8700 पुलिस कर्मी तैनात

सुरक्षा का भी पुख्ता इंतजाम किया गया है। स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मेला में 190 चिकित्सक और 750 चिकित्सा कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। राज्य सरकार ने इस बार मेले में करीब 8700 पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई है। लाठीधारी 6200 पुरुष आरक्षी व हवलदार और 514 लाठीधारी महिला आरक्षी को मेले में तैनात किया जाएगा। 1080 सशस्त्र पुलिस कर्मी भी तैनात होंगे। 726 पुलिस पदाधिकारी, 120 पुलिस निरीक्षक रहेंगे।

मेला में तैनात इन सुरक्षा कर्मी और पदाधिकारियों की माॅनीटरिंग 42 डीएसपी व आइपीएस करेंगे। दो बम निरोधक दस्ता, दो आंसू गैस दस्ता, दो एटीएस की टीम, दो आतंकवाद निरोधक दस्ता और दो खोजी कुत्ते का दस्ता हर परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद रहेगा।

ड्यूटी में सूबे के कई जिलों की पुलिस के अलावा अपराध अनुसंधान विभाग, रेल पुलिस की टीम, विशेष शाखा की टीम, झारखंड पुलिस अकादमी, आइटीएएस, पुलिस प्रशिक्षण केंद्र के जवान व पदाधिकारी, आइआरबी, जैप, सीटीसी व पीटीसी की टीम, जंगलवार फेयर स्कूल नेतरहाट, झारखंड जगुआर मेला डयूटी में तैनात रहेंगे। अग्निशमन विभाग व एनडीआरएफ की टीम भी सक्रिय रहेगी।

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