बाबा बैद्यनाथ मंदिर में स्पर्श पूजा बंद, अब अरघा से जलार्पण करेंगे कावड़िया, बोल बम के नारे से गूंजा पूरा शहर
मंगलवार से बाबा बैद्यनाथ की स्पर्श पूजा बंद होने के साथ अब अरघा से बाबा को जलार्पण किया जाएगा। देवघर में सोमवार को श्रावणी मेले का उद्घाटन किया। दो महीने तक चलने वाले इस मेले में आठ सोमवार को भारी भीड़ होगी। ऐसे में लाखों श्रद्धालुओं को सुलभ जलार्पण कराना चुनौती है। मेले का समापन 31 अगस्त को होगा। इस दौरान कावड़ियाें की सेवा सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी है।
जासं, देवघर। 'बोल बम और हर हर महादेव' के उद्घोष के साथ झारखंड के प्रवेश द्वार दुम्मा में सोमवार को श्रावणी मेले का उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि मंगलवार से बाबा बैद्यनाथ की स्पर्श पूजा बंद हो जाएगी। अरघा से बाबा को जलार्पण किया जाएगा।
मेले में सबसे बड़े VVIP हैं कांवरिया
दो महीने तक चलने वाले इस मेले में आठ सोमवार को भारी भीड़ होगी। ऐसे में लाखों श्रद्धालुओं को सुलभ जलार्पण कराना चुनौती है। सरकार ने घोषणा की है कि मेले में सबसे बड़ा वीवीआइपी कावड़िया हैं। ऐसे में उनको सुलभ और सुरक्षित दर्शन कराना हमारी पहली प्राथमिकी होगी। मंत्री ने कहा कि सभी तन-मन से कावड़ियाें की सेवा करें। ऐसी सुविधा दें कि सुखद अनुभूति लेकर शिवभक्त वापस जाएं।
इस बार दो महीने का है सावन
बताते चलें कि इस वर्ष सावन के साथ मलमास भी है। ऐसे में मेले का समापन 31 अगस्त को होगा। इस दो महीने के आयोजन को लेकर शासन-प्रशासन ने पूरे मेला परिसर में पूजा के साथ-साथ सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं। मंदिर में वीआइपी पूजा नहीं होगी।
अलबत्ता शीघ्रदर्शनम की सुविधा होगी, जिसके कूपन का शुल्क 500 रुपये तय किया गया है। मेले के दौरान रात्रि 10:30 से सुबह सात बजे तक ही मालवाहक वाहनों का शहर में प्रवेश हो सकेगा, जबकि रविवार की रात से सोमवार की रात तक बड़े वाहनों का शहर में प्रवेश वर्जित होगा।
मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
स्थानीय वाहनों के लिए भी मार्ग तय किए गए हैं। साथ ही नो एंट्री जोन भी बनाए गए हैं, जिससे होकर आवश्यकता पड़ने पर सिर्फ एंबुलेंस, अग्निशमन आदि वाहन ही जा सकेंगे।
मेले के दौरान उमड़ने वाली भोले के भक्तों की भीड़ को केंद्र में रखकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। 8,700 पुलिसकर्मियों को मेले में प्रतिनियुक्त किया गया है। इनमें 1,080 सशस्त्र पुलिस, 726 पुलिस पदाधिकारी व 120 पुलिस निरीक्षक भी शामिल हैं।
42 डीएसपी करेंगे सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी
इनके अलावा 42 डीएसपी पूरी सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करेंगे। दो बम निरोधक दस्ते, दो आंसू गैस दस्ते, दो एटीएस की टीम, दो आतंकवाद निरोधक दस्ते हर परिस्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद हैं। कई जिलों की पुलिस के अलावा अपराध अनुसंधान विभाग, रेल पुलिस, विशेष शाखा, झारखंड पुलिस अकादमी, आइटीएएस, पुलिस प्रशिक्षण केंद्र के जवान व पदाधिकारी, आइआरबी, जैप, सीटीसी व पीटीसी की टीम, जंगलवार फेयर स्कूल नेतरहाट, झारखंड जगुआर आदि की भी सेवा ली जा रही है। एनडीआरएफ की टीम को भी सक्रिय कर दिया गया है।