कानून के घर देर है, अंधेर नहीं! 21 साल बाद हत्याकांड के 3 आरोपितों को मिली उम्रकैद की सजा
अदालत ने ललित मंडल सुजीत कुमार मंडल अरविंद कुमार मंडल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है जिन्होंने रंगदारी देने से इंकार करने पर जय प्रकाश मंडल की इतनी बुरी तरीके से पिटाई की थी कि इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Tue, 14 Feb 2023 11:53 AM (IST)
संसू, देवघर। 20 हजार रुपये रंगदारी नहीं देने पर पिटाई से एक व्यक्ति की मौत के मामले में अभियोजन व बचाव पक्ष की बहस तथा गवाहों के बयान को सुनने के बाद जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश दो संजीव भाटिया की अदालत ने मोहनपुर थाना क्षेत्र के घोरमारा गांव निवासी ललित मंडल, सुजीत कुमार मंडल, बांझी गांव के अरविंद कुमार मंडल को दोषी पाकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं प्रत्येक पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने आदेश दिया कि जुर्माना नहीं देने पर तीनों को छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा होगी।
साल 2002 में दर्ज कराई गई थी FIR
दुमका के तालझारी थाना क्षेत्र के नोढिया गांव निवासी जय प्रकाश मंडल के भाई दिलीप कुमार मंडल ने वर्ष 2002 में मोहनपुर थाने में प्राथमिकी कराई थी। कहा था कि रंगदारी नहीं देने पर आरोपितों ने उनके भाई को बुरी तरह से पीटा था। इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गई थी। उनकी मौत हो जाने का आरोप लगाते हुए पांच अक्टूबर 2002 को स्थानीय थाना में प्राथमिकी दायर कराया था।
रंगदारी नहीं देने पर की गई थी पिटाई
दर्ज प्राथमिकी में जिक्र है कि टेलीफोन का तार बिछाने के लिए उनके भाई ने गड्ढा करवाया जा रहा था। इसी बीच एक मोटर साइकिल से आरोपित आए तथा 20 हजार रुपये रंगदारी देने की मांग की। जिसे देने से इंकार करने पर उसे घसीट कर चंदना मोड़ की समीप ले जाया गया तथा पिटाई कर उसकी जेब से आठ हजार निकालकर वे लोग फरार हो गए। जख्मी की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत गई।गवाहों और बयानों के मद्देनजर आरोपित पाए गए दोषी
मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 10 गवाहों की पेशकश हुई, जिन्होंने घटना के सही होने की पुष्टि की, जबकि बचाव पक्ष की ओर से भी 12 गवाह पेश हुए। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने पक्ष में जोरदार बहस किए, लेकिन अदालत में आखिरकार आरोपित दोषी पाए गए। अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक शिवाकांत मंडल तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता राजकुमार शर्मा व विनोद कुमार राउत ने मामले में पैरवी की।
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