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जसीडीह से झाझा के बीच तेज रफ्तार से अब चलेंगी ट्रेनें, फाइनल ट्रायल रन हुआ पूरा, जल्‍द ही दिखाई जाएगी हरी झंडी

दिल्ली-हावड़ा रेलखंड पर जसीडीह से झाझा के बीच 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलेंगी। इसके लिए सारी तैयारियां कर ली गई हैं। इससे सफर में यात्रियों को कम समय लगेगा। इंजीनियरों की टीम ने इस रूटलाइन पर ट्रायल रन ले लिया है। आने वाले समय में मधुपुर-गिरिडीह के बीच में भी ट्रेनें तेज रफ्तार में चलेंगी। इस रूट पर 110 किलोमीटर की गति से ट्रेनें चलेंगी।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenPublished: Fri, 14 Jul 2023 12:10 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jul 2023 12:10 PM (IST)
झारखंड के जसीडीह और बिहार के झाझा के बीच तेज चलेंगी ट्रेनें।

जागरण संवाददाता, देवघर। दिल्ली-हावड़ा रेलखंड पर जसीडीह से झाझा के बीच वर्तमान में 110 किमी की गति से ट्रेनें चल रही हैं। जल्द ही इस रूट पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलेंगी। इसकी सारी तैयारी कर ली गई है। रेल मुख्यालय से हरी झंडी मिलते ही रेलगाड़ियों की गति बढ़ जाएगी। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने से यात्रियों को सफर में समय कम लगेगा। खासकर मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को अधिक लाभ होगा। उनका ठहराव जसीडीह के बाद सीधे झाझा होगा।

मधुपुर-गिरिडीह के बीच भी तेज चलेंगी ट्रेनें

बताया जा रहा है कि इस रूट पर फाइनल ट्रायल रन पूरा हो चुका है। मधुपुर-गिरिडीह के बीच भी आने वाले समय में 110 किलोमीटर की गति से ट्रेनें चलेंगी। तकनीक विभाग के अभियंताओं की टीम ने इस रूटलाइन पर ट्रायल रन ले लिया है। कुछ कमियां ट्रायल रन के दौरान पाई गई हैं। उन समस्याओं को दूर किया जा रहा है। इसके बाद मुख्यालय की रिपोर्ट आएगी। दिशा-निर्देश के बाद यह काम शुरू हो जाएगा।

जसीडीह और मधुपुर स्टेशन का विस्तारीकरण

मधुपुर स्टेशन पर ही वाशिंग पिट का निर्माण हो रहा है। दो चरण में यह कार्य होना है। तेजी से काम चल रहा है। पूर्व रेलवे की टीम लगातार इसकी माॅनीटरिंग कर रही है। संभवत: प्रथम चरण का काम पूरा होते ही अगले साल उसका उपयोग शुरू हो जाएगा। बता दें कि मधुपुर से दिल्ली के लिए सप्ताह में दो दिन सीधी ट्रेन खुलती है। आने वाले समय में जसीडीह और मधुपुर स्टेशन का विस्तारीकरण होना है।

जसीडीह में मिलने लगी इस्केलेटर की सुविधा

श्रावणी मेला शुरू होने के साथ ही रेलयात्रियों को इस्केलेटर की सुविधा मिलने लगी है। इससे पहले महीनों से यह बंद थी। इससे यात्रियों को परेशानी हो रही थी। जसीडीह रेल प्रबंधन इसके लिए प्रयासरत था। मशीन का कोई पुर्जा खराब हो गया था और उसे चेन्नई से लाना था। लाने में विलंब होने के कारण मशीन बंद थी। श्रावणी मेला को देखते हुए उसे गंभीरता से लेते हुए चालू करा दिया गया। अब यात्रियों, खासकर बुजुर्गों की परेशानी कम हो गयी है।


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