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Jharkhand Politics: 'वो हमारे नहीं हुए...', दिग्गज नेता का छलका दर्द; भावुक होकर दे दिया बड़ा संकेत

झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में संताल की गोड्डा सीट पर प्रत्याशियों को लेकर घमासान थम नहीं रहा है। इस सीट पर एनडीए से निशिकांत दुबे और प्रदीप यादव आमने-सामने हैं। पहले गोड्डा सीट से कांग्रेस ने दीपिका पांडेय को टिकट दिया था। हालांकि पार्टी में बढ़ता विरोध देख प्रत्याशी बदलना पड़ा। इधर फुरकान अंसारी को टिकट नहीं मिलने से इरफान अंसारी भी नाखुश हैं।

By Ravish Sinha Edited By: Shashank Shekhar Published: Wed, 15 May 2024 01:41 PM (IST)Updated: Wed, 15 May 2024 01:41 PM (IST)
Jharkhand Politics: 'वो हमारे नहीं हुए...' दिग्गज नेता का छलका दर्द; भावुक होकर दे दिया बड़ा संकेत (फाइल फोटो)

आरसी सिन्हा, देवघर। झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में संताल की दो सीटें गोड्डा और दुमका वीआइपी सीट है। यहां एक जून को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन का कार्य पूरा हो चुका है। गोड्डा में एनडीए की ओर से भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे और आइएनडीआइए की ओर से कांग्रेस के प्रदीप यादव आमने-सामने हैं।

इस सीट पर कांग्रेस में उम्मीदवार को लेकर घमासान चला था। कांग्रेस ने पहले विधायक दीपिका पांडेय सिंह को उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन बाद में यहां पार्टी की गुटबाजी और विरोध को देखते हुए उम्मीदवार बदलना पड़ा और फिर प्रदीप यादव मैदान में उतारे गए। हालांकि, पार्टी का असंतोष इसके बाद भी थमता नहीं दिख रहा है।

अपने पिता फुरकान अंसारी के लिए लाबिंग कर रहे जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी और स्वयं फुरकान अंसारी भी उन्हें प्रत्याशी घोषित नहीं किए जाने से नाखुश हैं। रह-रह कर यह नाराजगी सामने भी आती रही है। सोमवार को गोड्डा में महागठबंधन के प्रत्याशी के नामांकन और सभा में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन आए और गठबंधन के सभी नेता थे।

भीड़ भी उत्साह को बढ़ा रही थी, लेकिन पूर्व सांसद फुरकान अंसारी इसमें नजर नहीं आए। राजनीतिक गलियारे में इसकी चर्ची होती रहीं।

फुरकान अंसारी की पुत्री थीं मौजूद

कांग्रेस के गोड्डा प्रवक्ता अमरेंद्र कुमार अमर का कहना है कि फुरकान अंसारी को पार्टी ने बिहार का ऑर्ब्जबर बनाया है। इसलिए वह नहीं आ सके। उनकी बेटी शबाना खातून आई थीं।

हमें न तो प्रदीप से और न ही दीपिका से तकलीफ- फुरकान

फुरकान पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने इस संबंध में कहा कि सोमवार को वह बेतिया में थे। पार्टी ने ऑर्ब्जबर की जिम्मेदारी दी है, उसका पालन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमें न तो प्रदीप यादव से और न ही दीपिका पांडे से तकलीफ है। हमारी पीड़ा यह है कि झारखंड की 14 लोकसभा सीटों पर अल्पसंख्यक समाज बड़ी संख्या में हैं। हमेशा हमारे समाज ने सबको जमकर वोट दिया, लेकिन उस समाज ने हमारी एक सीट के लिए आवाज नहीं उठाई। हम खुद से अपनी लड़ाई लड़ें यह शोभा नहीं देता है। अल्पसंख्यक समाज को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।

निशिकांत दुबे के पोस्ट से बढ़ी हलचल

भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे अपने फेसबुक पर इस संबंध में पोस्ट कर तंज कसा। उन्होंने लिखा झारखंड में सोमवार को दो महत्वपूर्ण घटना हुई हैं। बहन कल्पना सोरेन ने लगभग अपने आप को चार जून के बाद मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है। उधर, गोड्डा के नामांकन में ना पूर्व सांसद फुरकान अंसारी नजर आए ना विधायक इरफान अंसारी।

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