तापमान से भी तेज हुए नींबू के दाम
तापमान से भी तेज है नींबू का दाम
तापमान से भी तेज हुए नींबू के दाम
संवाद सहयोगी, मधुपुर (देवघर): पेट्रोलियम, खाद्य तेल, हरी सब्जियों के बाद अब नींबू पर महंगाई की मार पड़ी है। आम तौर पर एक से दो रुपये में बिकने वाला नींबू की कीमत 10 रुपये में एक हो गया है। बाजार के थोक भाव की भी बात करें तो नींबू 600- 700 रुपये सैकड़ा से कम कीमत पर उपलब्ध नहीं है। हीट वेव के कारण जिस अनुपात में नींबू की मांग बढ़ी है, उस अनुपात में आपूर्ति नहीं हो रही है। फिलहाल नींबू की महंगाई कम नहीं होने वाली है। लेकिन अगले 15 दिनों में भाव गिरने व नींबू के सस्ती होने के आसार हैं। आसमान से बढ़ते तापमान से कम नहीं है नींबू की कीमत। आमतौर पर नींबू साल भर उपयोग होता है। बिटामिन सी की प्रचुरता वाले नींबू को जहां गर्मी से बचने के लिए उपयोग में लाया जाता है वहीं गन्ना, सत्तू समेत कई अन्य शीतल पेय में नींबू का उपयोग से इसकी व्यवसायिक मांग भी बढ़ जाती है। कोरोना काल में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए नींबू की बढ़ी मांग के बीच भी दाम पांच रुपये तक सीमित रहे थे लेकिन वर्तमान समय से नींबू 10 रुपये में मिल रहे हैं। नींबू का कारोबार करने वाले हैदर अंसारी बताते हैं कि मई माह से बंगाल से नींबू की आवक होने लगेगी। इससे भाव में कमी आएगी। जुलाई-अगस्त के बाद स्थानीय उपज भी आवक भी होने लगेगी। इससे भी बढ़ती महंगाई कम होने के आसार हैं। मधुपुर में नींबू का व्यवसाय करने वाले आधा दर्जन से अधिक व्यवसायियों ने बताया कि अगले माह तक ही नींबू की महंगाई पर नियंत्रण हो सकता है।
प्री मानसून के कारण बर्बाद हुई फसल
मधुपुर में वर्षों से नींबू का कारोबार कर रहे मोहम्मद असलम, अशरफ अंसारी, इश्तियाक अंसारी बताते हैं कि अभी आंध्र प्रदेश और चेन्नई से नींबू की आवक होती है। प्री मानसून व साइक्लोन की मार से नींबू की फसल प्रभावित हुई है। नींबू के फूल के झरने और बीते साल नींबू उपजाने वाले किसानों को घाटा लगने के कारण किसानों की बेरुखी का असर भी नींबू उत्पादन पर पड़ा है।
टूटा ढाई दशक का रिकार्ड
नींबू की महंगाई के चर्चा करने पर व्यवसाई सोच में पड़ जाते हैं। व्यवसायियों का कहना है कि नींबू की महंगाई ने बीते 24 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इसके पूर्व 1998 में नींबू 10 हजार रुपये प्रति बोरा तक बिका था। उस समय भी बढ़ती महंगाई का कारण प्राकृतिक आपदा ही थी। नींबू उत्पादक राज्यों में फसल बर्बाद होने से ही नींबू महंगी हुई थी। अगस्त तक देसी नींबू आने लगेंगे और बड़े भाव पर लगाम लगेगी।