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धनबाद DC ऑफिस में नौकरी दिलाने के नामपर 28 युवकों से 2 करोड़ की ठगी, जालसाजों ने अधिकारी व क्लर्क बनाने का दिया झांसा

Dhanbad DC Office Froud झारखंड के धनबाद में डीसी ऑफिस में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 28 युवकों से दो करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई है। फ्रॉड करने वालों ने अधिकारी की नौकरी दिलाने के नाम पर भी पैसे वसूले हैं। ठगों के इस गिरोह में विकास कुमार के साथ दीपक राम भी शामिल है ।

By Jagran News Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sun, 16 Jun 2024 09:56 AM (IST)
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डीसी आफिस में नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी। (सांकेतिक फोटो)
बलवंत कुमार, धनबाद। धनबाद डीसी कार्यालय में नौकरी दिलाने के नाम पर 28 युवकों से दो करोड़ रुपये से अधिक की राशि ठगी करने का बड़ा मामला सामने आया है।

मजेदार बात यह है कि ठगी करने वालों ने अधिकारी की नौकरी दिलाने के नाम पर भी पैसे वसूले हैं। इन युवक और युवतियों को फर्जी योगदान लेटर भी डाक से भेजा गया था। जब युवकों ने ठगी करने वाले विकास कुमार से योगदान दिलाने के लिए धनबाद साथ चलने के लिए दबाव बनाया, तो वह कुल्टी स्थित अपने किराए के मकान से फरार हो गया। उसने अपना फोन भी बंद कर लिया है।

ठगों के इस गिरोह में विकास कुमार के साथ दीपक राम भी शामिल है। विकास कुमार ने जिन 28 युवकों से ठगी की है उनमें बंगाल के कुल्टी निवासी, उसके मकान मालिक के बेटे प्रकाश सिंह और बेटी अनामिका कुमारी भी शामिल हैं। बाकी 26 युवक-युवतियां धनबाद के निरसा की हैं।

सभी युवक-युवतियां करीब एक सप्ताह पूर्व योगदान लेटर लेकर करीब एक सप्ताह पूर्व धनबाद डीसी आफिस पहुंची तो उन्हें पता चला कि वे ठगी के शिकार हुए हैं। इसके बाद सभी शनिवार को फिर से धनबाद डीसी आफिस पहुंचे और सिटी एसपी अजीत कुमार से मिले और उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी।

सिटी एसपी अजीत कुमार ने बरवाअड्डा थाना प्रभारी को फोन कर प्राथमिकी करने का निर्देश दिया। अगस्त 2023 में विकास कुमार ने स्वयं को धनबाद का एक्साइज इंस्पेक्टर व चर्च का फादर बता कुल्टी बोहला में किराये पर एक मकान लिया। उसने सबसे पहले अपने मकान मालिक के बेटे और बेटी को झांसे में लिया।

उन्होंने बताया कि धनबाद उपायुक्त कार्यालय के पांच विभागों में अधिकारी, क्लर्क और चतुर्थ श्रेणी में 160 रिक्तियां हैं। इसके लिए उसने बकायदा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का पत्र भी दिखाया। इसके बाद उसने 28 युवकों से नौकरी दिलाने के नाम पर 15-15 हजार रुपये की वसूली की। विकास इन युवकों को धनबाद का पुराना डीसी कार्यालय लेकर भी आया।

डीसी आफिस के बरवाअड्डा शिफ्ट होने के बाद वह वहां भी इन युवकों को लेकर गया। उसने नए डीसी कार्यालय के बाहर इन युवकों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई। इन्हें अपने झांसे में लेने के लिए इसने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग, चयनित सूची समेत तमाम दस्तावेज दिखाए। इस बीच इसने युवक-युवतियों से किश्तों में राशि वसूली की। यह राशि प्रति व्यक्ति चार से नौ लाख रुपये तक है।

नौ विभाग के नाम से दी फर्जी ज्वॉइनिंग

जो ज्वाइनिंग लेटर युवक-युवतियों को भेजा गया उसमें सभी का नाम और पद का भी जिक्र किया गया था। विकास कुमार ने नौ विभागों के नाम से सभी को ज्वाइनिंग लेटर भेजा था। इनमें धनबाद का पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल एक, परिवहन विभाग, मद्य निषेध विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, कल्याण विभाग, खाद्य आपूर्ति विभाग, महिला व बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, जिला सांख्यिकी विभाग और समाज कल्याण विभाग का नाम शामिल है।

किसी पत्र पर पत्रांक नहीं

विकास कुमार ने जो पत्र जारी किए वे हूबहू सरकारी पत्रों जैसे हैं। यहां तक की झारखंड सरकार के लोगो का उपयोग भी सभी पत्रों पर किया गया है।

इसके अलावा, धनबाद एवं रांची के सचिव स्तर के अधिकारियों के हस्ताक्षर एवं मुहर का भी प्रयोग किया गया है। इन पत्रों पर कहीं भी पत्रांक नहीं है। केवल दिनांक एवं नीचे अधिकारियों के हस्ताक्षर है।

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