झारखंड में प्राइवेट नौकरी में 75 फीसद आरक्षण पर ग्रहण! चंपई सरकार के कानून को रोकने के लिए याचिक दाखिल
प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में स्थानीय को 75 प्रतिशत आरक्षण देने की झारखंड सरकार के कानून को रोकने के लिए उद्यमियों के संगठन हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश में संजीवनी तलाश रहे हैं। झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन लघु उद्योग भारती एवं आदित्यपुर की औद्याेगिक संगठन ने संयुक्त रूप से झारखंड हाईकोर्ट में जो याचिका दाखिल की उसमें हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाने की तैयारी चल रही है।
क्या है मामला
झारखंड में 40 हजार तक के वेतन में लागू है 75 प्रतिशत आरक्षण
हरियाणा हाईकोर्ट का फैसले सिर्फ हरियाणा की जमीन पर लागू होगा। झारखंड की जमीन पर इस फैसले का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा। हमने सिर्फ 40 हजार रुपये के वेतन तक की नौकरियों में यह व्यवस्था की है। इसलिए यह संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन भी नहीं है। प्राइवेट कंपनियों को यह कानून मानना ही पड़ेगा। - सुदिव्य कुमार सोनू, विधायक गिरिडीह
यह कानून बनाने का अधिकार राज्य को नहीं है। संसद चाहे तो इस तरह का कानून बना सकता है। इंसान का जन्म कहां हुआ है, इस आधार पर आप उसे रोजगार से वंचित नहीं कर सकते हैं। इसी आधार पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को भी याचिका में शामिल किया जाएगा। - रणधीर शर्मा, चेयरमैन लेबर सब कमेटी
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हरियाणा हाईकोर्ट का यह आदेश झारखंड हाईकोर्ट में चल रहे मुकदमे में लागू हो, यह जरूरी नहीं है। कारण, दोनों समान कोर्ट है। किसी भी हाईकोर्ट के आदेश को निचली अदालत के मुकदमें में मानने की विवशता हो सकती है। यदि यह आदेश सुप्रीम कोर्ट का होता तो इसे झारखंड में भी मानने की बाध्यता होती। - देवी शरण सिन्हा, वरिष्ठ अधिवक्ता धनबाद
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