अनोखा त्योहार है छठ, ले आता है सबको पास; इस परिवार की चार पीढ़ी के 90 सदस्य एक साथ करेंगे पूजा
Dhanbad News छठ बड़ा अनोखा त्योहार है। परिवार के सभी लोगों को एक साथ ले आता है। माताएं अपने संतान की सुखद जीवन परिवार की समृद्धि के लिए छठ पूजा करती हैं। विश्वनाथ चौरसिया के परिवार की चार पीढ़ी के 90 सदस्य एक साथ उदीयमान एवं अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगे। जानिए परिवार के सदस्यों ने क्या बताया।
चार पीढ़ी पूजा में होंगी शामिल
विश्वनाथ चौरसिया की चार पीढ़ी इस पूजा में शामिल हो रही है। इस परिवार की सबसे छोटी सदस्य तीन वर्ष की छुटकी भी शुक्रवार को कद्दू-भात के समय अपनी क्षमता के अनुरूप बड़ी मम्मी की मदद करते दिखी। दो दशक से एक दिन एक साथ भगवान भास्कर को परिवार के 90 लोग अर्घ्य देते हैं।अब तीन रखते हैं व्रत
अब घर की तीन सदस्य छठ व्रत करती हैं और शेष इस पूजा में शामिल होते हैं। रांची से रवि चौरसिया, जमुई बिहार से रवींद्र और दिल्ली से किशोर चौरसिया इस पर्व के लिए विशेष रूप से अपने परिवार समेत पहुंच चुके हैं।इस समय छठ पूजा को लेकर विश्वनाथ चौरसिया के छह बेटों जमुना प्रसाद चौरसिया, शंकर चौरसिया, शंभू, अरुण एवं गौतम चौरसिया समेत 47 भाई-बहन-बहु राजीव चौरसिया, दिलीप, प्रदीप, महेश चौरसिया, संजीव, आशीष, रंजीत, आयुष, अमर, बबलू, कृष्णा, नंदिनी, संगीता, पुष्पा, पूजा, संगीता चौरसिया, शालू और 20 से अधिक बच्चे पूजा के लिए जुटे हैं।हर वर्ष हमारा पूरा परिवार एकजुट होता है। चार दिन कैसे बीत जाता है पता ही नहीं चलता। सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी यही परंपरा चलती आ रही है। जो लोग बाहर रहते हैं वो भी इसमें शामिल होते हैं। सभी मिलजुल कर एक जगह पूजा करते हैं। खासकर खरना पूजा का नजारा देखने लायक होता है। - अंजू देवी, छठ व्रती कुम्हारपट्टी मनईटांड़
पहले घर की बुजुर्ग माला देवी छठ किया करती थीं, अब हम कर रहे हैं। पहले से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है। मतलब पूरा परिवार साथ लेकर हम चल रहे हैं। परिवार में सदस्यों की संख्या बढ़ते-बढ़ते आज 90 से अधिक हो चुकी है। बावजूद सभी छठ में अवश्य जुटते हैं। सभी सदस्य एक जगह जमीन पर बैठकर प्रसाद ग्रहण करते हैं। सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के लिए भी सभी एक ही घाट पर जुटते हैं - ममता देवी, छठ व्रती कुम्हारपट्टी मनईटांड़
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