Move to Jagran APP

Dhanbad Sadar Hospital: मरीज को सता रहा कोरोना की तीसरी लहर का डर, तीन जांच रिपोर्ट निगेटिव के बाद भी बेड नहीं कर रहा खाली

धनबाद सदर अस्पताल में कतरास के 46 वर्षीय उमेश सोनी 16 जुलाई को भर्ती हुए थे। कोरोना के लक्षण थे। इलाज के दाैरान तीन-तीन बार कोरोना टेस्ट कराया गया। तीनों बार निगेटिव रिपोर्ट आई। इसके बाद डिस्चार्ज किया जाता रहा। वह अस्पताल छोड़ने को तैयार नहीं।

By MritunjayEdited By: Updated: Tue, 31 Aug 2021 01:13 PM (IST)
Hero Image
धनबाद सदर अस्पताल में भर्ती मरीज उमेश सोनी ( फोटो जागरण)।
जागरण संवाददाता, धनबाद। धनबाद सदर अस्पताल में विगत डेढ़ महीने से भर्ती कतरास के आकाश किलारी निवासी 46 वर्षीय उमेश सोनी डिस्चार्ज होने के बाद भी घर जाने को तैयार नहीं है। कोरोना से संक्रमित होने के बाद 16 जुलाई को वह सदर अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। इस बीच उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। इस दौरान तीन बार उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई। लेकिन उन्हें करो ना जो ऐसे लक्षण बरकरार थे। इस वजह से डॉक्टर संदिग्ध मानकर इलाज किया। सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ राजकुमार सिंह का कहना है कि कई मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है लेकिन उन्हें कोरोना जैसे लक्षण पाए जाने पर उसी तरीके से इलाज किया गया है। इस मामले में भी ऐसा हुआ है। लेकिन मानसिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से मनोचिकित्सक ने उनका इलाज किया, उनकी काउंसलिंग की। अब उमेश पहले से काफी स्वस्थ हैं। डॉ राजकुमार सिंह ने बताया कि आज शाम तक उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

सदर अस्पताल में बनाया गया है डेडीकेटेड कोविड सेंटर

कोरोना संक्रमण को देखते हुए सदर अस्पताल को डेडीकेटेड कोविड-19 के रूप में तब्दील किया गया है। इस वजह से संक्रमित मरीज को यहां भर्ती कराया जा रहा है। 1 महीने में (अगस्त) अब तक यहां 36 वर्ष डिस्चार्ज हुए हैं। फिलहाल अस्पताल में एक मरीज उमेश सोनी ही भर्ती हैं। सदर अस्पताल में कोविड सेंटर को बंद करके अब संक्रमित मरीजों को कैथ लैब में भेजने की तैयारी है। अस्पताल को अब सामान्य मरीजों के लिए पूर्णत खोला जाएगा।

मरीज को है कई प्रकार की बीमारी, जबरन डिस्चार्ज नहीं कर सकते

डॉ राजकुमार सिंह ने बताया कि मरीज को विभिन्न प्रकार की बीमारी भी है। उन्हें सांस की ज्यादा तकलीफ है। गरीब होने के वजह से कई निजी अस्पताल से लौट चुके हैं। इस बीच वह संक्रमित पाए गए। इसके बाद उनके स्वजनों ने निवेदन किया कि सदर अस्पताल में ही इलाज कराया जाए। मरीज कोरोनावायरस से तो ठीक हो गए, लेकिन उनकी विभिन्न प्रकार की समस्या बरकरार थी। उनकी दूसरी बीमारियों का भी इलाज किया। मानसिक बीमारी से भी वह काफी ग्रसित हो गए। फिर मनोचिकित्सक से उनका इलाज कराया गया है। जबरन मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं किया जा सकता है। सरकारी अस्पताल गरीब मरीजों के लिए है।

रिपोर्ट आई नेगेटिव लेकिन कोरोनावायरस के थे लक्षण

डॉ राजकुमार सिंह ने बताया कि मरीज कि कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। लेकिन मरीज को सभी प्रकार के लक्षण कोरोनावायरस के तरह थे। ऐसे में कोरोना मरीज को संदिग्ध मानकर इलाज किया गया है। आगे भी मरीज को यदि किसी प्रकार की समस्या होगी तो उसका इलाज कराया जाएगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।