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झारखंड-बिहार के बीच 160 की स्पीड से दौड़ेंगी ट्रेनें, रेलवे खड़ी कर रही दीवार

हावड़ा से नई दिल्ली तक ट्रेनों की रफ्तार 130 किमी प्रति घंटे हो चुकी है। अगले एक-दो वर्षाें में इस रूट पर ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 160 किमी प्रति घंटे हो जाएगी। इसके लिए रेल ट्रैक के दोनों तरफ दीवार खड़ी का जा रही है।

By MritunjayEdited By: Updated: Wed, 15 Dec 2021 02:24 PM (IST)
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रेल लाइन की सुरक्षा के लिए खड़ी की जा रही दीवार ( प्रतीकात्मक फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंड से बिहार तक फैले रेलवे लाइन के दोनों किनारे तकरीबन 200 किमी तक ऊंची दीवार खड़ी होगी। तकरीबन तीन साल पहले बने प्लान को अब मूर्त दिया जा रहा है। इसके लिए रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने जमीन की मापी के साथ पीलर निर्माण का काम शुरू करा दिया है। दीवार निर्माण के दायरे में धनबाद के प्रधानखंता से बिहार के बंधुआ तक रेलवे लाइन किनारे सैंकड़ों दुकान, मकान और ऊंची ईमारतें आ रही हैं जो रेलवे की जमीन पर खड़ी हैं। रेलवे ने ऐसे लोगों को पहले भी नोटिस जारी किया था। अब दोबारा नये सिरे से नोटिस भेजकर खुद से खाली कर लेने की मोहलत दी जा रही है। निर्धारित तिथि तक जमीन खाली नहीं की गई तो रेलवे का बुलडोजर चलेगा।

रांगाटांड़ ट्रैक्शन कालोनी से भूली जोनल ट्रेनिंग स्कूल तक खड़ी होगी ऊंची दीवार

धनबाद शहर में रांगाटांड़ ट्रैक्शन कालोनी से भूली जोनल ट्रेनिंग स्कूल तक ऊंची दीवार खड़ी होगी। इसके लिए बड़ी संख्या में आरपीएफ के साथ इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारी रेलवे ट्रैक के दोनों किनारे की जमीन मापी कर रहे हैं। भूली जोनल ट्रेनिंग स्कूल के पास से रेलवे की जमीन पर दीवार निर्माण के लिए मिट्टी की खोदाई शुरू हो चुकी है। बुधवार को इंजीनियरिंग विभाग की टीम ने मुनादी भी की। रेलवे की जमीन खाली करने के साथ ही उन्हें यह भी कहा गया कि रेल लाइन पार न करें। ऐसा करने पर आरपीएफ कार्रवाई करेगी।

वासेपुर-पांडरपाला में रेलवे लाइन के दोनों किनारे घनी आबादी

वासेपुर से पांडरपाला तक रेलवे लाइन के दोनों किनारे घनी आबादी है। इंजीनियरिंग विभाग की ओर से की गई जमीन की मापी में पाया गया है कि लगभग 75 से 80 मकान, दुकान और इमारतें रेलवे की जमीन पर खड़ी हो गई हैं। ऐसे सभी लोगों को नोटिस का रिमाइंडर भेजा गया है। इसके बाद भी अगर जमीन खाली नहीं हुई तो आरपीएफ की तैनाती के बीच रेलवे कार्रवाई शुरू करेगी। इस दौरान जरूरत पड़ी तो जिला प्रशासन से भी मदद मांगी जा सकती है।

इसलिए खड़ी की जा रही दीवार

हावड़ा से नई दिल्ली तक ट्रेनों की रफ्तार 130 किमी प्रति घंटे हो चुकी है। अगले एक-दो वर्षाें में इस रूट पर ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 160 किमी प्रति घंटे हो जाएगी। धनबाद रेल मंडल में प्रधानखंता से बंधुआ तक 200 किमी रेल मार्ग पर 160 किमी की स्पीड से ट्रेनें चलेंगी। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने से रेलवे ट्रैक को सुरक्षित करना जरूरी है ताकि दुर्घटनारहित ट्रेनें चलाई जा सकें। यही वजह है कि इस पूरे रेल मार्ग पर ट्रैक के दोनों किनारे दीवार खड़ी की जाएगी।

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