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अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले में धनबाद के 30 नए स्कूलों को एसीबी ने भेजा नोटिस, जवाब के बाद होगी कार्रवाई

जिले में 11.55 करोड़ रुपये के अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले में एसीबी ने अपने जांच का दायरा बढ़ाया है। जिले के 50 स्कूलों की जांच करने के बाद अब एसीबी ने 30 अन्य स्कूलों को नोटिस भेजा है। एसीबी अब इन स्कूलों के जवाब का इतंजार कर रही है।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Updated: Wed, 03 Aug 2022 12:12 PM (IST)
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एसीबी इस घोटाले को लेकर जिले के 550 स्कूलों की जांच करेगी।
जागरण संवाददाता, धनबाद: जिले में 11.55 करोड़ रुपये के अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले में एसीबी ने अपने जांच का दायरा बढ़ाया है। जिले के 50 स्कूलों की जांच करने के बाद अब एसीबी ने 30 अन्य स्कूलों को नोटिस भेजा है। एसीबी अब इन स्कूलों के जवाब का इतंजार कर रही है। इनके जवाब के आधार पर ही एसीबी आगे की कार्रवाई करेगी।

इधर, पहले चरण में जिन 50 स्कूलों की जांच की गई, एसीबी अब उनके प्राचार्यों पर प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी कर रही है। दूसरे चरण में यदि 30 स्कूल भी दोषी पाए जाते हैं तो इनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज होगी। एसीबी इस घोटाले को लेकर जिले के 550 स्कूलों की जांच करेगी।

इन बिंदुओं पर एसीबी ने की जांच

धनबाद एसीबी ने मुख्यत: तीन बिंदुओं पर स्कूलों की जांच की है। इसमें एनएसपी (नेशनल स्कोलरशीप पोर्टल) में रजिस्टर संबंधी दस्तावेज, विद्यालय के नोडल अफसर और प्राचार्य की लिस्ट और वर्ष 2017 से वर्ष 2020 में छात्रवृत्ति भुगतान की पूरी जानकारी जुटाई है। इसके आधार पर जब जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि इन स्कूलों में 25 से 30 लाख रुपये का घोटाला हर स्कूल से हुआ है।

सौ से ज्यादा लोगों पर प्राथमिकी की तैयारी

इस मामले की जांच कर रहे एसीबी डीएसपी नितिन खंडेलवाल ने बताया कि इस मामले में जिला कल्याण विभाग, बिचौलिया और स्कूल के प्राचार्य व कर्मी को मिलाकर सौ ज्यादा लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है, वहां से निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

2017 से 2020 के बीच हुआ छात्रवृत्ति घोटाला

जिले वर्ष 2017 से 2020 तक अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला हुआ था। इस घोटाले में शिक्षा विभाग के अधिकारी, कर्मी, स्कूल के प्राचार्य समेत अन्य लोगों ने मिलीभगत कर करीब 11.55 करोड़ रुपये की हेराफेरी की थी। यह घोटाला धनबाद के अलावा गिरीडीह और बोकारो में भी किया गया था। इसकी जांच का जिम्मा एसीबी को दिया गया। धनबाद में डीएसपी नितिन खंडेलवाल इसकी जांच कर रहे हैं।

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