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कोरोना के बाद अब इस बीमारी की चपेट में आ रहे लोग, रात में रह रही बेचैनी, दिन में काम करना हो रहा मुश्‍किल

World Alzheimer Day कोरोना के बाद शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हुई है जिससे चलते लोगों में कई तरह की बीमारियां हो रही हैं। इनमें से एक है अल्‍जाइमर। यह भूलने की बीमारी है। पहले तो यह बीमारी बुजुर्गों में होती थी लेकिन अब कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। दुनिया भर में इस बीमारी पर अध्ययन हो रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 21 Sep 2023 11:26 AM (IST)
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कोरोना के बाद लोगों में बढ़ी है अल्‍जाइमर की बीमारी।
मोहन गोप, धनबाद। World Alzheimer Day: पुराना बाजार में रहते हैं कारोबारी विकास बरनवाल। अभी उम्र केवल 39 वर्ष है। कोरोना काल में ये भी संक्रमण के शिकार हो गए थे। केंद्रीय अस्पताल में इलाज हुआ था। इन दिनों बहुत परेशान हैं, छोटी-छोटी बातें भी याद नहीं रहतीं, उनको भूलने की बीमारी हो गई है। हाथ पैर में भी कंपन होता है।

लोगों में हो रही भूलने की बीमारी

विकास डाॅक्टर से मिले, तो पता चला कि कोरोना के कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ा है। यह उसका ही प्रभाव है। ये अल्जाइमर के लक्षण हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जिससे रात भर नींद आने में भी कई बार परेशानी आती हैं, बेचैनी रहती हैं। छोटी-छोटी, जरूरी बातों को लगातार भूलते रहने की वजह से दिन में काम करने में दिक्‍कतें आती हैं। 

कोरोना को युद्ध में परास्त करने वाले 20 प्रतिशत लोगों को यह बीमारी शिकार बना रही है। सिर्फ विकास ही नहीं, बड़ी संख्या में भूलने की बीमारी के शिकार लोग धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेमोरियल मेडिकल कालेज सह अस्पताल के पोस्ट कोविड केंद्र में आ रहे हैं।

कम उम्र में भी अल्‍जाइमर की बीमारी

अस्पताल में ऐसे मरीजों का उपचार कर रहे डाॅ. मणि कुमार ने बताया कि सब कोरोना के कारण हो रहा है। युवाओं में भी भूलने की बीमारी हो रही। ऐसे मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है।

कोरोना को हराने वाले 100 मरीजों को देखते हैं, तो 20 में अल्जाइमर के लक्षण मिलते हैं। अमूमन यह बीमारी 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही होती है, मगर यहां कम उम्र के लोग भी इलाज को आ रहे हैं। इन्हें अपनी दिनचर्या भी ठीक से याद नहीं रहती। दुनिया भर में इस बीमारी पर अध्ययन हो रहा है।

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कोरोना के बाद बढ़ा है तनाव

न्यूरोसर्जन डाॅ. राजेश कुमार सिंह ने बताया कि लोगों की शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता में कोरोना के कारण कमी आई है। जो कोरोना से ग्रसित हुए थे, उनमें तनाव बढ़ा है। यह भी भूलने की समस्या को बढ़ाता है।

कई मरीजों के व्यवहार में परिवर्तन दिखता है इसलिए बेवजह तनाव नहीं लें, यही रोगियों को परामर्श दे रहे हैं। भूलने की बीमारी की सटीक दवा नहीं है। हां, उपचार से हम इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं।

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