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Benefits of Insulin Plant: शुगर को काबू में रखने के लिए घर में लगाएं इंसुलिन का पौधा

Benefits of Insulin Plant सिंफर के निदेशक डा. पीके सिंह ने बताया कि यह हरा पौधा है जो प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में प्राण वायु आक्सीजन गैस निकालता है। इस कारण पर्यावरण की सुरक्षा में भी इसकी अहम भूमिका होती है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Tue, 29 Jun 2021 12:50 PM (IST)
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पौधे में मौजूद प्राकृतिक रसायन इंसान के शरीर की शुगर को ग्लाइकोजेन में बदल देता है।

तापस बनर्जी, धनबाद। कोरोना काल में एक बात तो साफ हो गई कि जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर रही, उसने कोरोना पर विजय पाई। मधुमेह यानी डायबिटीज ऐसी बीमारी है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को क्षीण कर देती है, जिससे कई विकार शरीर को चपेट में ले लेते हैं। इंसुलिन एक ऐसा पौधा है, जो डायबिटीज पर लगाम लगाने में काफी प्रभावी है। धनबाद के वनस्पति विज्ञानी आशुतोष कुमार मैढ़ बताते हैं कि इंसुलिन के पत्ते टाइप-2 डायबिटिज के मरीज के लिए बेहतरीन औषधि हैं। हालांकि, इस पौधे में इंसुलिन नहीं मिलता, न शरीर में यह इंसुलिन बनाता है बल्कि इस पौधे में मौजूद प्राकृतिक रसायन शुगर को ग्लाइकोजेन में बदल देते हैं। इससे उपापचय की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है। औषधीय पौधा होने की वजह से शरीर पर भी साइड इफेक्ट नहीं पड़ता है।

गमले में भी कर सकते तैयार: ग्रामीणों व किसानों के लिए ये पौधे आमदनी का बड़ा जरिया भी हो सकते हैं। धनबाद के केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) के विज्ञानी इलाके के किसानों को इसके पौधे तैयार करने का तरीका बता रहे हैं। विज्ञानी डा. डीबी सिंह ने बताया कि मिट्टी के गमले में भी इंसुलिन के पौधे लगा सकते हैं। इस पौधे को मधुमेह रोगी खूब तलाशते हैं। सिंफर ने इसकी बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण ई-बाजार पोर्टल विकसित किया है। उन्होंने बताया कि गमले में लगे इंसुलिन के एक पौधे की कीमत 100 से 120 रुपये तक होती है। बड़े पौधे के गमले की कीमत 150 से 200 रुपये है। एक किसान अगर प्रतिदिन 10 पौधे का कारोबार कर ले तो अच्छी आय होगी। नर्सरी शुरू करने में 28 से 30 दिनों की मेहनत करनी होगी। एक बार काम शुरू होने के बाद इंसुलिन के नए पौधे खरीदने नहीं होंगे। उन्हीं पौधों से नर्सरी का विस्तार होता जाएगा।

ये फायदे भी

  • शरीर के मेटाबालिक प्रोसेस को दुरुस्त करता है
  • एक बार पौधे लाने के बाद उससे ही नए पौधे तैयार किए जा सकते हैं
  • ये पौधा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान में मदद कर सकता है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी
  • यह पौधा औषधीय गुणों से युक्त होता है। आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में इसकी पत्तियों का प्रयोग किया जाता है
  • पौधे में मौजूद प्राकृतिक रसायन इंसान के शरीर की शुगर को ग्लाइकोजेन में बदल देता है। इससे मधुमेह पीड़ितों को फायदा होता है

पर्यावरण संरक्षण: इस पौधे की पत्तियों के सेवन से मधुमेह मरीजों में इंसुलिन दवा लेने की आवश्यकता कम होने लगती है। इसका मानव शरीर पर साइड इफेक्ट नहीं होता है। सिंफर के निदेशक डा. पीके सिंह ने बताया कि यह हरा पौधा है, जो प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में प्राण वायु आक्सीजन गैस निकालता है। इस कारण पर्यावरण की सुरक्षा में भी इसकी अहम भूमिका होती है।

इस समय और ऐसे लगाएं: इंसुलिन बहुवर्षीय पौधा है। यह झाड़ीनुमा होता है। इसकी ऊंचाई ढाई से तीन फीट तक होती है। फर्न प्रजाति में जिस प्रकार राइजोम से नए पौधे तैयार होते हैं, उसी प्रकार इसमें भी राइजोम से नई पौध बन जाती है। बरसात के सीजन में इसकी पौध लगानी चाहिए। खाद के साथ समय पर पानी दें तो इसकी वृद्धि तेजी से होती है।

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