गोबर से कलाकरी... सजावटी सामान ने खोली कमाई की राह, अभी हजारों में कमा रहे... कल लाखों में कमाएंगे
झारखंड के धनबाद जिले में गोबर से बनाई गई चीजों से रोजगार की राह खुल रही है। आमजन इन उत्पादों को काफी पसंद भी कर रहे हैं। यही वजह है कि गो ग्राम कुंभ में इन उत्पादों को लेकर आई टीम इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस टीम के हर सदस्य की कमाई अभी हजारों में है। बिक्री बढ़ने के साथ यह कमाई और बढ़ेगी।
जागरण संवाददाता, धनबाद। धनबाद में आयोजित एकल अभियान के गो ग्राम कुंभ में गो आधारित उत्पाद लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
एकल ग्रामोत्थान के तहत गाय के गोबर से बने एक से बढ़कर एक घरों के सजावटी सामान की बिक्री हो रही है। यहां मेले में देवघर से आए कैलाश यादव और उनकी टीम गाय के गोबर से बने धूप, दीप, शुभ लाभ समेत अन्य उत्पाद बेच रहे हैं।
कैलाश ने बताया कि एकल अभियान के लगातार कोशिश के बाद अब गांव में गायों के प्रति लोगों का नजरिया काफी बदल रहा है।
गाय माता हमें केवल दूध ही नहीं बल्कि मूत्र और गोबर से भी स्वावलंबी भी बना रही है। उन्होंने बताया कि देवघर और इसके आसपास के इलाकों में काफी संख्या में गो धन हैं।
इन इलाकों में एकल अभियान के तहत लोगों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इसका परिणाम यह है कि काफी संख्या में लोग इस अभियान में जुड़े हैं।
गाय के गोबर और गोमूत्र से अब आय भी आने लगी है। एक एक सदस्य हर महीने चार से 5 हजार की आमदनी कर रहे हैं। आगे यह आमदनी और बढ़ती जाएगी।
गिरने से नहीं टूटते सजावटी सामान, होती है काफी टिकाऊ
कैलाश ने बताया कि गोबर से बनाए गए सजावटी सामान काफी मजबूत होते हैं। गिरने से यह टूटे नहीं है। दरअसल गोबर के साथ चुना और गुड़ के भी मिश्रण होते हैं।
इसमें कम मात्रा में प्लास्टर ऑफ पेरिस का भी प्रयोग किया जाता है। इससे यह उत्पाद और मजबूत हो जाते हैं। दीपावली में गोबर से बनाए गए दीप की काफी मांग रही।
बाजार में अब लोग काफी से पसंद करने लगे हैं। गोबर से बनाए गए धूप बत्ती की भी काफी मांग हो रही है। इसकी कीमत 50 से 100 रुपए के बीच में रखी गई है।
जबकि दीए की कीमत 10 रुपए से शुरू है। अब यह सजावटी सामान महानगरों में भी भेजे जा रहे हैं। लोगों में तेजी से मांग बढ़ रही है।
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