Basukinath Temple: अब ई-पास से हो रहा बाबा का दर्शन, सातवें दिन फौजदारी की दरबार में पहुंचे 24 श्रद्धालु
Basukinath Temple बाबा बासुकीनाथ का दर्शन अब ई-पास के जरिए हो रहा है। भक्तों की पुकार पर त्वरित न्याय प्रदान करने वाले फौजदारी दरबार में बुधवार को 24 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया।
By Sagar SinghEdited By: Updated: Wed, 02 Sep 2020 05:04 PM (IST)
बासुकीनाथ, जेएनएन। Basukinath Temple सूबे की उपराजधानी दुमका से करीब 24 किलोमीटर की दूरी पर दुमका-देवघर मुख्य मार्ग में स्थित बाबा बासुकीनाथ का दर्शन अब ई-पास के जरिए हो रहा है। भक्तों की पुकार पर त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए जाने जाने वाले फौजदारी दरबार में बुधवार को 24 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। जिला प्रशासन के सख्त निर्देशानुसार बासुकीनाथ मंदिर प्रबंधन एवं जरमुंडी थाना की ओर से विशेष निगरानी रखते हुए सिर्फ ई-पासधारी श्रद्धालुओं को ही मंदिर परिसर में प्रवेश करने दिया गया।
जिला प्रशासन के सख्त निर्देश पर जरमुंडी थाना प्रभारी सत्येंद्र नारायण सिंह, बासुकीनाथधाम मंदिर के सहायक प्रबंधक सुभाष राव के देखरेख में सिर्फ ई-पासधारियों को ही परिसर में प्रवेश करने दिया गया। जबकि जरमुंडी, बासुकीनाथधाम, नोनीहाट, दुमका, हरिपुर के स्थानीय श्रद्धालु अथवा झारखंडवासी श्रद्धालुओं को आधार कार्ड दिखाने व स्थानीय का हवाला दिए जाने के बाद भी मंदिर परिसर में प्रवेश करने नहीं दिया गया। जिला प्रशासन के द्वारा दिए गए सख्त निर्देश के बाद पुलिस ने काफी सख्ती बरती। सभी भक्तों को पहले सैनिटाइजर दिया गया। थर्मल स्क्रीनिंग कर संस्कार मंडप में प्रवेश होने दिया।
भादो पूर्णिमा पर बुधवार की सुबह ब्रह्म मुहूर्त बेला में अन्य दिनों की भांति मंदिर के पुजारी दिनेश झा ने मंदिरकर्मियों व पुलिस की मौजूदगी में बाबा मंदिर, पार्वती मंदिर एवं काली मंदिर के कपाट खोले। गर्भगृह में रात्रि श्रृंगार की पूजन सामग्री व पूजन अपशिष्टों को हटाने के बाद गर्भगृह की गंगा जल व चंदकुप के जल से सफाई की गई। इसके उपरांत सुबह पांच बजे के करीब पुजारी दिनेश झा ने प्रात: कालीन पुरोहित पूजा किया। सुबह साढ़े पांच बजे के बाद मंदिर के पुजारी व अन्य कर्मियों ने प्रत्येक दिन की भांति पुष्प सज्जा का आयोजन किया। सुबह साढ़े छह बजे के करीब सफाई कर्मियों की टीम ने मंदिर के पूर्वी द्वार, संस्कार मंडप कांवरिया पथ, मंदिर के पूर्वी, पश्चिमी व उत्तरी गेट के बाहरी हिस्से की अच्छी तरह से सफाई की।
इसके बाद सुबह ठीक सात बजे बासुकीनाथ मंदिर के कर्मियों एवं नपं कर्मियों द्वारा संस्कार मंडप के रास्ते ई-पासधारी श्रद्धालुओं को संस्कार मंडप में प्रवेश कराया गया। सुबह सात बजे से 11 बजे की कुल 4 घंटे की अवधि में महज 24 भक्तों ने ही ई-पास के जरिये भोलेनाथ का दर्शन किया। 11 बजे के बाद श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया। दोपहर 12 बजे के बाद दोपहर की विश्राम पूजा हुई। इसके बाद ढ़ाई बजे के करीब मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। संध्या साढ़े छह बजे रात्रि श्रृंगार पूजा की तैयारी शुरू होने लगी।
68 लोगों को मिला था पास :
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- सुबह 7 से 8 तक - 9 श्रद्धालु
- सुबह 8 से 9 तक - 10 श्रद्धालु
- सुबह 9 से 10 तक - 9 श्रद्धालु
- सुबह 10 से 11तक- 40 श्रद्धालु
- सुबह 7 से 8 बजे तक- 4 श्रद्धालु
- सुबह 8 से 9 बजे तक- 2 श्रद्धालु
- सुबह 9 से 10 बजे तक-2 श्रद्धालु
- सुबह 10 से 11 तक- 16 श्रद्धालुओं ने प्रवेश किया