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Baba Basukinath Temple: फौजदारी दरबार की बात ही निराली, आकर तो देखिए यहां की शिव बरात

Dumka News बासुकीनाथ के दरबार में वर्ष भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। मंदिर प्रबंधन से प्राप्त आंकड़ों की मानें तो बासुकीनाथ में वर्ष भर में करीब 60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के द्वारा भोलेनाथ का जलाभिषेक एवं दर्शन पूजन किया जाता है।

By MritunjayEdited By: Updated: Sun, 27 Feb 2022 10:27 PM (IST)
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झारखंड के बासुकीनाथ स्थित बाबा बासुकीनाथ मंदिर ( फाइल फोटो)।

संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ। झारखंड की उपराजधानी दुमका से करीब 24 किलोमीटर की दूरी पर नेशनल हाइवे दुमका-देवघर मुख्य मार्ग में फौजदारी बाबा बासुकीनाथ में भक्तों की प्रार्थना पर फौड़ी सुनवाई होती है। इसलिए बासुकीनाथ के दरबार को फौजदारी दरबार के नाम से भी जाना जाता है। यहां सावन-भादो महीने के अलावा महाशिवरात्रि, पूर्णिमा, माघी पूर्णिमा, बसंत पंचमी समेत अन्य विशिष्ट दिनों में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ती है। देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। बिहार के सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर पैदल कांवर यात्रा कर श्रद्धालुओं का आगमन यहां बड़ी संख्या में होती है। महाशिवरात्रि के अवसर पर जहां एक और लोग बाबा बासुकीनाथ एवं समीप के विभिन्न शिवालयों में पूजा-अर्चना के साथ शिव विवाहोत्सव मनाते हैं। वहीं आसपास के मनमोहक पर्यटक स्थल भी सैलानियों को खूब आकर्षित करते है। महाशिवरात्रि पर बासुकीनाथ एवं आसपास के जिलों सहित देश के कोने-कोने से श्रद्धालु बासुकीनाथ में पूजा अर्चना करने पहुंचते है।

बासुकीनाथ: यात्रियों के लिए धार्मिक और पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण

बासुकीनाथ के दरबार में वर्ष भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। मंदिर प्रबंधन से प्राप्त आंकड़ों की मानें तो बासुकीनाथ में वर्ष भर में करीब 60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के द्वारा भोलेनाथ का जलाभिषेक एवं दर्शन पूजन किया जाता है। बाबा बासुकीनाथ के दरबार में बिहार, झारखंड राजस्थान, हरियाणा, उड़ीसा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बंगाल सहित पूरे देश के अलावा नेपाल, मलेशिया, पाकिस्तान, इंग्लैंड, थाईलैंड, जापान से आने वाले भक्तों की भी अच्छी खासी तादाद होती है।

क्या क्या होते है धर्मानुष्ठान

बासुकीनाथ में भक्तों के द्वारा जलाभिषेक के अलावा यहां कालसर्प पूजन, रुद्राभिषेक, सत्यनारायण कथा, ध्वजारोहण, पताका चढ़ाने, श्रृंगार पूजा फुलाइस पूजा, मनोकामना पूजा सहित अन्य प्रकार के वैदिक व धार्मिक पूजन का भी आयोजन होता है। दांपत्य जीवन सुखमय होने के लिए एवं मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए अथवा कुंवारे युवक-युवती की शादी में विलंब होने पर अभिभावक बाबा बासुकीनाथ एवं मैया पार्वती का गठबंधन कराते हैं। मान्यता है कि बाबा बासुकीनाथ व माता पार्वती का यह गठबंधन कराने से दांपत्य जीवन सुखमय होता है एवं विवाह योग्य युवक-युवतियों को मनचाहे वर-वधू की प्राप्ति होती है। इसके अलावे यहां प्रत्येक दिवस रात्रि के समय बाबा बासुकीनाथ, माता पार्वती, माता काली की मनमोहक श्रृंगार पूजा आयोजित होती है। जिसे देखने के लिए भक्त लालायित रहते हैं। बासुकीनाथ में दस महाविद्या की भी पूजा होती है जो काफी प्रसिद्ध मंदिर है। बाबा बासुकीनाथ यहां दस महाविद्याओं के बीच में विराजते हैं जो अन्यत्र विरले ही मिलते हैं।

आस पास के दर्शनीय स्थल

बाबा बासुकीनाथ में भोलेनाथ के पूजन उपरांत भक्त बड़ी संख्या में माता पार्वती, माता काली, शत्रु संहारिणी बगलामुखी माता एवं दस महाविद्या की पूजा करना नहीं भूलते हैं। बासुकीनाथ से उत्तर पूर्व दिशा में स्थित पवित्र व ऐतिहासिक शिवगंगा घाट की भी महिमा काफी पुरानी है। शिवगंगा के बीचोबीच एक पाताल कुंड में पाताल महादेव विराजते हैं। शिवगंगा की सफाई के दौरान शिवकुंड स्थित पाताल महादेव का दर्शन होता है। पाताल महादेव के बारे में मान्यता है कि इनके दर्शन पूजन मात्र से ही भक्तों के बिगड़े काम संवर जाते हैं। इसके अलावा शिवगंगा से उत्तर पूर्व दिशा में प्रसिद्ध तारा मंदिर है। जहां वैदिक एवं तांत्रिक विधि से पूजा अर्चना होती है। इसके अलावा बासुकीनाथ मंदिर से बाबा दुखियानाथ मंदिर, वरदानीनाथ मंदिर, बाबा नीमानाथ मंदिर, जामधारा स्थित योगेश्वरनाथ शिव मंदिर, बाबा पांडवेश्वर मंदिर, माता चंचला मंदिर, सुखजोरा स्थित नाथबाबा मंदिर, बेलदाहा स्थित नाग मंदिर सहित आसपास दर्जनों दर्शनीय धार्मिक व पर्यटनीय स्थल हैं। बाबा बासुकीनाथ की पूजा अर्चना के उपरांत भक्त इन धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर पूजन करना व पर्यटन करना नहीं भूलते हैं।

कैसे पहुंचे बासुकीनाथ

जसीडीह- दुमका मुख्य रेल लाइन पर बासुकीनाथ रेलवे स्टेशन है। बासुकीनाथ रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी महज दो किलोमीटर है। इसके अलावा यहां देवघर-दुमका नेशनल हाइवे 114 ए पर मुख्य सड़क किनारे बासुकीनाथ मंदिर है। इसके नजदीकी हवाई अड्डा रांची एयरपोर्ट, पटना एयरपोर्ट, दुर्गापुर एवं कोलकाता एयरपोर्ट है। जहां से उतरने के बाद छोटी-बड़ी वाहनों से बासुकीनाथ सुगमता पूर्वक पहुंचा जा सकता है।

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