Dhanbad News: बाघमारा विधायक ढुलू महतो ने किया सरेंडर, समर्थक को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने के चक्कर में गए जेल
बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो सोमवार को धनबाद की अदालत में सरेंडर कर दिया। हाइकोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने सरेंडर किया है। अपने समर्थक को पुलिस कस्टडी से जबरन छुड़ाने के मामले में हाई कोर्ट ने उन्हें अल्टीमेटम दिया था।
By Jagran NewsEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Mon, 09 Jan 2023 01:08 PM (IST)
धनबाद, जागरण संवाददाता। वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिए जाने के मामले के सजायाफ्ता बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो ने सोमवार को अदालत में सरेंडर कर दिया। झारखंड उच्च न्यायालय ने ढुलू महतो की रिवीजन याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें एक माह के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया था। एक माह की अवधि 10 जनवरी को पूरी होनी थी। लिहाजा भाजपा विधायक ने आज सरेंडर कर दिया। बार काउंसिल के आवाहन पर अधिवक्ताओं ने कलम बंद हड़ताल कर रखा है। बावजूद इसके विधायक महतो अपने अधिवक्ता के बिना ही खुद अदालत में पहुंचकर अपना आत्मसमर्पण किया। धनबाद के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत ने विधायक महतो को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
धनबाद के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत ने 9 अक्टूबर 2019 को विधायक ढुलू समेत कांड के नामजद पांच आरोपितों को वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिए जाने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में डेढ़ डेढ वर्ष की साधारण कारावास एवं 9 हजार रूपए जुर्माना से दंडित किया था। वहीं, अदालत ने मामले के नामजद आरोपित बसंत शर्मा को बरी कर दिया था।आरोपितों ने 4 नवंबर 2019 को सेशन कोर्ट में कुल चार अपील दायर कर सजा के आदेश को चुनौती दी थी। सत्र न्यायालय ने विधायक समेत अन्य की अपील 28 24 अगस्त 2022 को खारिज कर दी, जिसे विधायक महतो समेत अन्य ने झारखंड उच्च न्यायालय में रिवीजन याचिका दायर कर चुनौती दी थी परंतु रिवीजन करने से पहले विधायक ने निचली अदालत में सरेंडर नहीं किया था। लिहाजा उच्च न्यायालय ने उन्हें पहले सरेंडर कर का आदेश दिया था।
विधायक के समर्थक पर रंगदारी मांगने का आरोप
एमिड कोल इंटरप्राईजेज के मुंशी गौरी शंकर सिंह की शिकायत पर पुलिस ने ढुलू के समर्थक राजेश गुप्ता सहित तीन-चार अन्य के विरुद्ध रंगदारी का मुकदमा दर्ज किया था। प्राथमिकी के मुताबिक 20 अप्रैल को राजेश ने 1 हजार रूपये प्रति टन रंगदारी की मांग की थी। रूपया नहीं देने पर राजेश ने उसके ट्रकों पर निर्धारित किस्म का कोयला न लोड कर पत्थर कोयला निकाल दिया। उक्त मामले में ही अदालत से राजेश के विरुद्ध गिरफ्तारी का वारंट लेकर कतरास व बरोरा पुलिस की संयुक्त टीम ने राजेश को निचितपुर स्थित आवासे दबोचा था।
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