Jharia Master Plan: अग्नि प्रभावितों के पुनर्वास में बीसीसीएल की दिलचस्पी नहीं, हाई पावर कमेटी को बता दी अपनी परेशानी
Dhanbad News भू-धंसान वाले क्षेत्रों से लोगों को तुरंत हटाया जाएगा। रैयतों के लिए विशेष पैकेज की व्यवस्था होगी। बसाए जाने वाले क्षेत्रों में लोगों को हर तरह की सुविधा देने का विचार किया गया है। धनबाद के उपायुक्त संदीप सिंह ने पुनर्वास को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।
By MritunjayEdited By: Updated: Thu, 24 Mar 2022 10:07 AM (IST)
जागरण संवाददाता, धनबाद। आग एवं भू-धंसान प्रभावित झरिया के प्रभावित परिवारों के पुनर्वास में लगता है अब बीसीसीएल की दिलचस्पी नहीं रह गई है। बैठक दर बैठक पुनर्वास को तेज करने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हो रही है। हर बैठक में नए-नए प्लान बनाए जाते हैं। और जमीन पर काम जीरो बट्टा जीरो। अब बीसीसीएल ने 207 स्थानों पर पुनर्वास में आने वाली परेशानी बताई है। माना जा रहा है कि आर्थिक कारणों से बीसीसीएल की पुनर्वास में दिलचस्पी नहीं है।
अब तीन सप्ताह में नई नीति बनाने की बातअग्नि प्रभावित झरिया के पुनर्वास की नई नीति तीन सप्ताह में तैयार हो जाएगी। यह निर्णय बुधवार को दिल्ली में झरिया मास्टर प्लान को लेकर गठित पीएमओ की उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक में लिया गया। विदित हो कि झारिया मास्टर प्लान की अवधि 12 साल के बाद अगस्त 2021 में समाप्त हो गई है। इसके बाद पीएमओ ने इसके लिए एक कमेटी बनाई है। कोयला सचिव डा. अनिल जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में पुनर्वास में हो रही देरी पर गंभीरता दिखाते हुए कई मुद्दों पर मंथन हुआ। अग्नि प्रभावित क्षेत्र जो अति संवेदनशील क्षेत्र है, वहां के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर पुनर्वास करना होगा। लोगों को विश्वास में लेकर दूसरे जगहों पर शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। भू-धंसान वाले क्षेत्रों से लोगों को तुरंत हटाया जाएगा। रैयतों के लिए विशेष पैकेज की व्यवस्था होगी। बसाए जाने वाले क्षेत्रों में लोगों को हर तरह की सुविधा देने का विचार किया गया है।
रैयतों को बेहतर मुआवजा दिलाने पर जोर
धनबाद के उपायुक्त संदीप सिंह ने पुनर्वास को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। इसे कमेटी ने गंभीरता से लिया है। तय हुआ है कि नया प्लान तैयार करना होगा, ताकि रैयतों को बेहतर मुआवजा मिल सके। मौजूदा समय में जो कोल इंडिया की आरएनआर पालिसी का लाभ प्लान में है, उसे और बेहतर करने पर जोर दिया गया। वहीं बीसीसीएल प्रबंधन ने अग्नि प्रभावित क्षेत्र के 595 चिन्हित स्थानों में से 207 स्थान को पुनर्वास करने में होनेवाली परेशानियों से अवगत कराया। प्रबंधन ने बताया कि यह क्षेत्र घनी आबादी वाला है। यहां बीसीसीएल को पुनर्वास करने में परेशानी है। ऐसे क्षेत्रों में प्रमुख रूप से कतरास बाजार, श्याम बाजार, लोयाबाद, केंदुआ बाजार, करकेंद, सलानपुर, बरोरा, बस्ताकोला, गोविंदपुर, ब्लाक टू, कुसुंडा शामिल है।
एक लाख परिवारों का करना है पुनर्वासझरिया अग्नि प्रभावित क्षेत्र के एक लाख चार हजार परिवार का पुनर्वास करना है। बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कृष्णा एस वास्ता, अवर सचिव डीओएलआर हुकूम सिंह मीणा, कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल, आइआइटी आइएसएम के प्रोफेसर आरएम भट्टाचार्य, सीएमपीडीआइएल के पूर्व सीएमडी शेखर शरण, झारखंड के मुख्य सचिव के प्रतिनिधि जितेंद्र कुमार एवं बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता मौजूद थे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा तैयार ड्राफ्ट पर विस्तार से चर्चा हुई। तीन सप्ताह में रिपोर्ट फाइनल करने के लिए कहा गया है। बेहतर पुनर्वास नीति बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। प्राथमिकता के आधार पर लोगों को शिफ्ट किया जाएगा। बीसीसीएल ने अपना पक्ष विस्तार से रखा है।
- समीरन दत्ता, सीएमडी बीसीसीएल