साहिबगंज का पता देकर अधिकांश अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के नाम से प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है वह खतरनाक है। जानकार इसे बांग्लादेशी घुसपैठ को भारत के नागरिक होने की मान्यता देने की साजिश से जोड़ कर देख रहे हैं।
By MritunjayEdited By: Updated: Thu, 15 Jul 2021 11:27 AM (IST)
राजीव, दुमका। झारखंड की उपराजधानी दुमका के जरमुंडी प्रखंड के तालझारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम साफ्टवेयर से निर्गत जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र एक साथ कई आशंकाओं को जाहिर कर रहा है। तकरीबन 150 प्रमाण पत्रों को देखकर यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि न सिर्फ आइडी व पासवर्ड हैक कर लिया गया है, बल्कि जिस तरीके से दुमका जिले के बाहर दूसरे जिले, खासकर साहिबगंज का पता देकर अधिकांश अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के नाम से प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है, वह खतरनाक है। जानकार इसे बांग्लादेशी घुसपैठ को भारत के नागरिक होने की मान्यता देने की साजिश से जोड़ कर देख रहे हैं। खास बात यह कि इसमें बच्चों के अलावा वैसे बुजुर्ग भी शामिल हैं, जो 60 वर्ष या इससे भी अधिक के हो गए हैं।
नियमों की अनदेखी कर निर्गत हो रहा जन्म प्रमाण पत्र सीआरएस के तय प्रविधानों के तहत 21 दिनों के बाद जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्रों को बनवाने के लिए कई प्रक्रियाएं पूरी करने की जरूरत होती है, जिसकी अनदेखी कर प्रमाण पत्र निर्गत हुए हैं। रजिस्ट्रार की जगह उप रजिस्ट्रार का हस्ताक्षर भी गलत है। निबंधित जन्म प्रमाण पत्रों में साहिबगंज जिला के राजमहल, नारायणपुर के कमाल टोला निवासी हीरामन बीबी, पति मोहम्मद गुर्जर शेख के पुत्र मोहम्मद अब्दुल शेख का 60 साल की उम्र में जन्म का निबंधन 15 जून 2021 को कराया गया है। इनकी जन्मतिथि 12 अगस्त 1961 है। साहिबगंज के कमाल टोला के ही कोहिनूर बीबी, पति अब्दुल शेख ने अपने पुत्र मोहम्मद अबुल कलाम का भी निबंधन 15 जून 2021 को किया गया है। अबुल की जन्मतिथि आठ अक्टूबर 1988 है। अबुल कलाम 33 साल का है। इसी टोला की दानोर बीबी, पति मोहम्मद सादिक अली ने अपनी पुत्री कोहिनूर बीबी के जन्म का निबंधन भी 15 जून को ही कराया है। इसकी जन्मतिथि एक फरवरी 1967 है। 54 की उम्र में जन्म प्रमाणपत्र की दरकार अपने आप में सवाल है।
हजारीबाग और लातेहार के लोगों ने हासिल किया प्रमाण पत्रइसके अलावा इरशाद टोला, जामनगर राजमहल साहिबगंज के रहने वाली समीरा खातून, पति जाहिद राणा ने अपने पुत्र हामिद रजा का निबंधन 16 जून 2021 को कराया है। इरशाद का जन्म बीते वर्ष 14 अक्टूबर 2020 को हुआ है। इरशाद टोला के ही रहीम बीबी, पति अकबर शेख ने अपने पुत्र मोहम्मद नासिर शेख एवं मोहम्मद अर्बन का भी निबंधन 16 जून 2021 को कराया है। इसके अलावा हजारीबाग जिले के केरेडारी, हवाई बेंगवारी निवासी रीना देवी, पति चौधरी चरण के दो बच्चे लक्ष्मी कुमारी एवं रितेश कुमार, जरमुंडी थाना के नरगंजो निवासी सुमित कुमार की पुत्री साक्षी कुमारी, लातेहार जिला के महुआ रामपुर निवासी होतला देवी, पति अमरेश राम की पुत्री आकृति कुमारी सहित कई के जन्म प्रमाणपत्र का निबंधन किया गया है।
बगैर आइडी के हो रहा कामइधर, दुमका जिले के रामगढ़ प्रखंड के डांडो स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तो जिला सांख्यिकी कार्यालय से बगैर आइडी जन्म प्रमाण पत्र निर्गत किया जा रहा है। हाल यह है कि यहां इस्तेमाल हो रही आइडी निष्क्रिय भी नहीं हो पा रही है। फिलहाल इन मामलों में राज्य सांख्यिकी निदेशालय के आदेश पर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। दोनों प्रखंड के थानों में इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज करा दी गई है। खास बात यह कि फर्जी जन्म प्रमाणपत्र स्वास्थ्य केंद्रों से ही निर्गत किए गए हैं। ग्रामीण या शहरी क्षेत्र में अब तक ऐसी गड़बड़ी सामने नहीं आई है। इधर ऐसी गड़बडिय़ां उजागर होने के बाद भाजपा इस मसले पर मुखर हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रही है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड को बांग्लादेश में मिलाने का इरादा कर लिया है। पाकुड़, जामताड़ा व साहिबगंज को तो बांग्लादेश के ही लोगों से भर दिया है। झारखंड में एनआरसी लागू करना सबसे ज्यादा जरूरी है।
-डा. निशिकांत दुबे, सांसद, गोड्डा, (ट््िवटर पर)
यह सुनियोजित है। पूर्व में भी मतदाता सूची के माध्यम से इसी प्रकार की एंट्री की जाती रही है। अब इस प्रकार से बांग्लादेशी घुसैपैठियों को बसाने की तैयारी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय इस मामले की जांच करे।
-अनंत ओझा, विधायक, राजमहल, (फेसबुक वाल पर)
जामताड़ा से लेकर साहिबगंज तक साइबर क्राइम चरम पर है। जिस तरह से एक समुदाय विशेष के नाम पर फर्जी तरीके से जन्म प्रमाणपत्र निर्गत किया गया है, वह निसंदेह साजिश का हिस्सा है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
-डा. लुइस मरांडी, पूर्व मंत्री, दुमका
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