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BP Sinha Birth Anniversary: मजदूर नेता बीपी सिंह की धनबाद में तूती बोलती थी... इंदिरा गांधी भी थी इनकी मुरीद

मजदूर नेता बीपी सिंह की आज जयंती है एक समय में धनबाद में इनकी तूती बोलती थी मजदूरों के बीच में इनकी अच्छी पैठ थी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी इनकी बातों को नहीं कटती थी यूनियन पॉलिटिक्स में इनका कद काफी ऊंचा था

By Atul SinghEdited By: Updated: Sun, 05 Jun 2022 10:13 AM (IST)
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आज बी पी सिंह की जयंती है मजदूरों के नेता के रूप में धनबाद में खूब नाम कमाया।
जागरण संवाददाता, धनबाद: धनबाद कोयलांचल का वह मशहूर मजदूर नेता जिनकी बात पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी मानती थी। पूरे कोयलांचल की धुरी जहां एक जगह जाकर सिमटता था। कोयलांचल में अभी काम मजदूर नेताओं ने जिनसे राजनीति का पाठ सीखा। आज ऐसे चर्चित स्वर्गीय बीपी सिन्हा की 103 वी जयंती  है। दिवंगत बीपी सिन्हा का धनबाद की मजदूर राजनीति में कभी तूती बोलती थी। सिन्हा आरसीएमएस के संस्थापक नेताओं में शामिल रहे हैं। आरसीएमएस धनबाद और झारखंड के कई बड़े नेताओं का उदय हुआ। 

41 वर्ष के बाद भी नहीं बन सका स्वर्गीय बीपी सिन्हा स्मारक भवन, इंदिरा गांधी ने किया था शिलान्यास

बीपी सिन्हा की 29 मार्च 1978 को हत्या कर दी गई थी। इसके बाद धनबाद में विधि व्यवस्था बिगड़ने लगी। विधि व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति होने के कारण तत्कालीन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा  गांधी नहीं आ पाई। इसके लगभग वर्ष बाद 29 मार्च 1979 को इंदिरा गांधी ने आकर एक भव्य कांग्रेस भवन का शिलान्यास किया और उस भवन का नाम बीपी सिन्हा स्मृति भवन रखा गया था। लेकिन आज तक बीपी सिन्हा स्मृति भवन धनबाद में नहीं बन पाया। फिलहाल बंद पड़े कांग्रेस भवन के परिसर में यह शिलान्यास का पत्थर इसकी गवाही दे रहा है। 

जहां से राजनीति की धारा बही, उनके परिवार हो गए दूर

1978 में हत्या के बाद सिन्हा की राजनीति हासिल करने के लिए उनके परिवार के सदस्य प्रयासरत हैं। 1989 में सिन्हा के पुत्र राजनीति प्रसाद सिन्हा ने धनबाद के लोकसभा का चुनाव लड़ा। लेकिन सफलता नहीं मिली। राजनीति प्रसाद सिन्हा की पत्नी डॉ. उर्मिला सिन्हा ने 2010 में धनबाद नगर निगम का चुनाव लड़ा। सफलता नहीं मिली। अब राजनीति प्रसाद सिन्हा के पुत्र वैभव सिन्हा ने कांग्रेस से जुड़कर धनबाद की राजनीति में वजूद की लड़ाई लड़ रहे हैं। मजेदार बात यह है कि स्वर्गीय बीपी सिन्हा के नाम पर कई मजदूर नेता की किस्मत चमक गई। और वह फिलहाल राजनीति के फलक पर हैं।

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