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कोलकाता हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सुनाया फैसला: इंटक को जेबीसीसीआई में बैठने का मिलेगा मौका

कोल इंडिया की कंपनी स्तरीय विभिन्न कमेटियों में अब राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन बैठक सकेगी। कोयला वेतन समझौते के तहत जेबीसीसीआई की कमेटी में भी अब फेडरेशन का दावा रहेगा।कोलकाता हाई कोर्ट की डबल बेंच ने शुक्रवार को 2021 में दायर याचिका की सुनवाई में अपना फैसला सुनाया है।

By Jagran NewsEdited By: Prateek JainUpdated: Fri, 10 Feb 2023 05:40 PM (IST)
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कोलकाता हाई कोर्ट की डबल बेंच ने शुक्रवार को 2021 में दायर याचिका की सुनवाई पर अपना फैसला सुनाया है।

आशीष अंबष्ठ, धनबाद: कोल इंडिया की कंपनी स्तरीय विभिन्न कमेटियों में अब राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन बैठक सकेगी। कोयला वेतन समझौते के तहत जेबीसीसीआई की कमेटी में भी अब फेडरेशन का दावा रहेगा।कोलकाता हाई कोर्ट की डबल बेंच ने शुक्रवार को 2021 में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए इस पर अपना फैसला सुनाया है।

इस फैसले के बाद इंटक राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के पक्ष में आया हाईकोर्ट का फैसले से जेबीसीसीआई में बैठने का रास्ता साफ हो गया है। फेडरेशन के अध्यक्ष विधायक कुमार जय मंगल सिंह, वरीय उपाध्यक्ष एके झा और महासचिव एस क्यू जामा ने इसकी पुष्टि की है।

कोर्ट के फैसले को बताया मजदूरों की जीत

विधायक अनूप सिंह ने कहा कि काफी लंबे संघर्ष के बाद ये फैसला मजदूर हित में काफी अहम है। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब कोयला उद्योग काफी संकट के दौर से गुजर रहा है। मालूम हो कि इंटक से संबद्ध राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन वेतन समझौते को लेकर नौ से कमेटी में नहीं बैठ रही है। करीब 7 साल बाद वेतन समझौते में बैठने का मौका मिलेगा।

साथ ही कोलियरी से लेकर कोल इंडिया स्तर की कमेटियों में भी अब उनके प्रतिनिधि शामिल किए जाएंगे। इस फैसले के बाद राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष व फेडरेशन के उपाध्यक्ष बृजेंद्र प्रसाद सिंह, वीरेंद्र प्रसाद अंबष्ठ, गिरजा शंकर पाण्डेय ने कहा कि इंटक हमेशा से मजदूर हित की लड़ाई लड़ता रहा है और मजदूर की एकता और उनकी एकजुटता के कारण यह जीत मिली है। 

उन्‍होंने कहा कि निश्चित तौर पर फिर एक बार इंटक मजदूरों के सवालों और मांगों को लेकर सशक्त आंदोलन के लिए खड़ा होगा। यूनियन के उपाध्यक्ष मिथिलेश कुमार सिंह, एसके शाही, रामप्रीत यादव, शकील अहमद, अमरिंदर चौधरी, मोहिद्दीन अंसारी, इकराम अंसारी, संजय सिंह एमडी, विश्वकर्मा ने इस जीत को मजदूरों की जीत बताया है।

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