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Dhanbad News: कुपोषण को लेकर सरकार गंभीर... घर-घर कुपोषित बच्चों की पहचान करने को लेकर चलेगा अभियान, दिया गया प्रशिक्षण

घर-घर कुपोषित बच्चों की पहचान करने को लेकर धनबाद में अभियान चलाया जाएगा। इसको लेकर प्रशिक्षण भी दिया गया है। केंद्र और राज्य के निर्देश पर कुपोषित बच्चों की पहचान करके उसे कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती करना है। धनबाद में इसको लेकर फिलहाल तीन जगह पर कुपोषण उपचार केंद्र चल रहे हैं। इसमें तोपचांची टुंडी और गोविंदपुर प्रखंड शामिल हैं।

By Jagran News Edited By: Mukul KumarUpdated: Sun, 07 Jan 2024 12:34 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, धनबाद। कुपोषण मुक्त भारत अभियान को लेकर घर-घर कुपोषित बच्चों की पहचान की जाएगी। केंद्र और राज्य के निर्देश पर कुपोषित बच्चों की पहचान करके उसे कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती करना है। इसके लिए क्षेत्र के सभी आंगनबाड़ी कर्मी और सहिया को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।

कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर ऐसे बच्चों को चिन्हित करेंगे। जिले में फिलहाल तीन जगह पर कुपोषण उपचार केंद्र चल रहे हैं। इसमें तोपचांची, टुंडी और गोविंदपुर प्रखंड शामिल है।

कुपोषित बच्चों की पहचान करने और उसे ठीक करने के बाद सहिया को इसके लिए प्रोत्साहन राशि भी निर्गत की जाएगी। बता दें कि कुपोषण उपचार केंद्र को लेकर सरकार गंभीर है, हर 15 दोनों पर रिपोर्ट सरकार के पास भेजना है।

15 दिनों तक कुपोषण उपचार केंद्र में होगा इलाज

सिविल सर्जन डॉक्टर चंद्रभानु प्रतापन ने बताया कि कुपोषण उपचार केंद्र में लगभग 15 दिनों तक कुपोषित बच्चों का इलाज होता है। उन्होंने कहा इस दौरान बच्चों को पौष्टिक भोजन दिए जाते हैं। कुपोषित बच्चों के माता को भी यहां रहने की सुविधा दी जा रही है।

प्रतिदिन के हिसाब से 100 रुपये को पोषित बच्चों के माता को दी जा रही है। इसके लिए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को निर्देश दिया गया है। जहां भी कुपोषित बच्चे मिलते हैं, ऐसे बच्चों को कुपोषण उपचार केंद्र में भेजना है।

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