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Rupa Tirkey Suicide Case: साहिबगंज पहुंच सीबीआइ ने शुरू की जांच, एसपी से ली घटना की जानकारी

झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की आत्महत्या मामले की एफआइआर दर्ज कर ली है। इसके बाद जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पटना से सीबीआइ की एक टीम साहिबगंज पहुंची है।

By MritunjayEdited By: Updated: Thu, 09 Sep 2021 12:13 PM (IST)
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साहिबगंज एसपी कार्यालय से बाहर निकलते सीबीआइ अधिकारी ( फोटो जागरण)।
जागरण संवाददाता, साहिबगंज/ रांची। झारखंड के बहुचर्चित साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की आत्महत्या मामले को सीबीआइ ने अपने हाथ में ले लिया है। इस मामले में सीबीआइ की पटना स्थित विशेष अपराध ब्यूरो शाखा ने 7 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज की। यह प्राथमिकी झारखंड हाई कोर्ट द्वारा सीबीआइ जांच के आदेश के बाद की गई है। इसके बाद सीबीआइ की एक टीम साहिबगंज पहुंच गई है। यहां पर सीबीआइ मामले को हेंडओवर की प्रक्रिया पूरी करने के बाद जांच शुरू करेगी। जांच के दाैरान सीबीआइ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि झामुमो नेता पंकज मिश्रा से पूछताछ कर सकती है। रूपा तिर्की की मां ने अपनी शिकायत में मिश्रा पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। हालांकि साहिबगंज पुलिस ने अपनी जांच में आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। अब इसे सीबीआइ भी परखेगी।

साहिबगंज पुलिस से केस हैंडओवर लेगी सीबीआइ

पटना से सीबीआइ की एक चार सदस्यीय टीम गुरुवार सुबह ट्रेन से साहिबगंज पहुंची। इसके बाद साहिबगंज एसपी कार्यालय पहुंची। कार्यालय में एसपी अनुरंजन किस्फोट्टा नहीं थे। इसके बाद सीबीआइ के अधिकारियों ने उनके आवास पर जाकर घटना की विस्तृत जानकारी ली। मामले में रूपा तिर्की की मां की तरफ से दायर शिकायत में झामुमो नेता पंकज मिश्रा और दो महिला दारोगा के बाबत भी जानकारी प्राप्त की। साहिबगंज की महिला दारोगा रूपा तिर्की की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के मामले में सीबीआइ की पटना स्थित विशेष अपराध ब्यूरो शाखा ने सात सितंबर को दर्ज कर ली है। सीबीआइ ने राजमहल के पुलिस निरीक्षक राजेश कुमार के बयान पर साहिबगंज के बोरियो थाने में दारोगा शिव कुमार कनौजिया के विरुद्ध खुदकुशी के लिए प्रेरित करने से संबंधित धारा में दर्ज हुई प्राथमिकी को टेकओवर किया है। अब इस पूरे कांड का अनुसंधान सीबीआइ के पटना स्थित विशेष अपराध ब्यूरो शाखा के डीएसपी पी. गैरोला करेंगे। हाई कोर्ट में रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव ने याचिका दायर कर यह मांग की थी कि उनकी पुत्री रूपा तिर्की की हत्या की गई है। उन्होंने पुलिस पर मामले को रफा-दफा करने का आरोप लगाते हुए सीबीआइ से जांच का आग्रह किया था। हाई कोर्ट ने एक सितंबर को ही सीबीआइ को आदेश दिया था कि वे इस केस को टेकओवर करते हुए अनुसंधान शुरू करें।

तीन को सरकारी आवास में रूपा का मिला था शव

रूपा तिर्की की तीन मई को संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई थी। उनका शव साहिबगंज स्थित उनके सरकारी क्वार्टर में फंदे से लटकता मिला था। इस मामले में पहले यूडी और बाद में साहिबगंज के बोरियो थाने में नौ मई २०२१ को आरोपित दारोगा शिव कुमार कनौजिया पर खुदकुशी के लिए प्रेरित करने की धारा में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। दारोगा शिव कुमार कनौजिया देवघर जिले के मधुपुर स्थित भेड़वा का रहने वाला है। हाई कोर्ट ने एक सितंबर को जो आदेश दिया था, उसमें बताया था कि प्रारंभिक रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि इसमें कई मामले संदेहास्पद हैं। रूपा तिर्की की मौत के बाद उनका बिसरा सुरक्षित नहीं रखा जाना, शरीर पर पांच स्थानों पर जख्म होना, रूपा के परिजनों को प्रलोभन दिया जाना, पेट्रोल पंप देने तक की बात कहा जाना संदेह पैदा करता है। इसी आधार पर हाई कोर्ट ने सीबीआइ को गहन तफ्तीश कर सच्चाई उजागर करने का आदेश दिया था।

रूपा तिर्की के पिता ने पुलिस की जांच पर उठाया था सवाल

रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव ने अपनी पुत्री की मौत के बाद पुलिस की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाया था। उन्होंने अदालत को बताया था कि उनकी पुत्री का जिस परिस्थिति में शव मिला था, वह कहीं से भी खुदकुशी जैसा नहीं लगा। उसके शरीर पर भी पांच जख्म के निशान थे। उन्होंने अदालत में साहिबगंज में पंकज मिश्रा नामक एक व्यक्ति पर संदेह जताया था और कहा था कि पंकज मिश्रा की पुलिस के साथ साठ-गांठ है, जिसके चलते झारखंड पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है। उन्होंने रूपा तिर्की की हत्या के मामले में पुलिस व पंकज मिश्रा की साठ-गांठ का भी आरोप लगाया था। कहा था कि पुलिस ने जांच में पंकज मिश्रा को क्लिक चिट दे दिया। रूपा तिर्की के बैचमेट व कथित प्रेमी दारोग शिव कुमार कनौजिया को प्राथमिकी तथा रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव को पुलिस ने अप्राथमिकी अभियुक्त बना दिया।

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