Move to Jagran APP

धनबाद का नया पावर हाउस 'हर्ष विहार', वाया धैया जा रहा झरिया का रास्ता Dhanbad News

पूर्णिमा सिंह ने विधानसभा चुनाव में संजीव की पत्नी को पराजित कर एक तरह से अपने पति की हार और हत्या का बदला चुकता किया है।

By MritunjayEdited By: Updated: Tue, 07 Jan 2020 09:03 AM (IST)
Hero Image
धनबाद का नया पावर हाउस 'हर्ष विहार', वाया धैया जा रहा झरिया का रास्ता Dhanbad News
धनबाद, जेएनएन। झारखंड विधानसभा चुनाव-2019 में झरिया विधानसभा क्षेत्र में बदलाव का असर दिखने लगा है। भाजपा प्रत्याशी रागिनी सिंह की हार और कांग्रेस प्रत्याशी पूर्णिमा नीरज सिंह की जीत का असर यह है कि धनबाद में एक और 'पावर हाउस' बन गया है। यह नया पावर हाउस बरवाअड्डा-सिटी सेंटर फोरलेन पर धैया में स्थित है। इसके आगे दिन भर बड़ी-बड़ी और मंहगी गाड़ियां खड़ी रहती हैं। लोगों का आना-जाना भी अचानक बढ़ गया है। झरिया विधानसभा क्षेत्र के लोगों को जो रूख पहले स्टील गेट था अब धैया हो गया है। 

स्टील गेट से ज्यादा भीड़ धैया में 

यूं तो झरिया की नव निर्वाचित विधायक पूर्णिमा नीरज का आवास 'रघुकुल'  धनबाद-गोविंदपुर रोड पर स्टील गेट के नजदीक है। स्टील गेट में ही बहुचर्चित सूरतदेव सिंह का घर  'सिंह मैंशन' है। सूरजदेव सिंह के पुत्र संजीव सिंह झरिया के विधायक थे। झरिया के लोगों का सिंह मैंशन में आना-जाना लगा रहता था। सिंह मैंशन के आगे भीड़ लगी रहती थी। उम्मीद की जा रही थी कि सिंह मैंशन के आगे झरिया के लोगों की जो भीड़ आती थी वह बगल के रघुकुल में जाएगी। क्योंकि अब झरिया के विधायक का ठिकाना सिंह मैंशन के बजाय रघुकुल हो गया है। झरिया में बदलाव के बाद रघुकुल के बाहर समर्थकों की संख्या जरूर पहले के मुकाबले कुछ ज्यादा बढ़ गई है लेकिन सिंह मैंशन जैसी स्थिति नहीं है। ज्यादा भीड़-भाड़ धैया रोड में हर्ष सिंह के के बार देखी जा रही है। रघुकुल के साथ-साथ झरिया के लोग अपनी फरियाद लेकर हर्ष सिंह के घर भी पहुंच रहे हैं। 

पूर्णिमा ने पति की हार और हत्या का लिया बदला 

नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में रहने के कारण संजीव सिंह अबकी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाए। संजीव के स्थान पर उनकी पत्नी रागिनी सिंह ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। स्व. नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह, जो कांग्रेस प्रत्याशी थी, चुनाव में रागिनी सिंह को पराजित किया है। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी संजीव सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी नीरज सिंह को पराजित किया था। बाद में नीरज सिंह की हत्या कर दी गई। संजीव पर आरोप लगा। एक तरह से पूर्णिमा ने विधानसभा चुनाव में संजीव की पत्नी को पराजित कर एक तरह से अपने पति की हार और हत्या का बदला चुकता किया है। 

हर्ष सिंह की सफल रही चुनावी रणनीति 

झरिया विधानसभा चुनाव के दाैरान कांग्रेस प्रत्याशी पूर्णिमा सिंह की तरफ से हर्ष सिंह ने मोर्चा संभाल रखा था। कहा जाता है कि पूर्णिमा सिंह को टिकट दिलाने से लेकर चुनाव में जीत की रणनीति बनाने में हर्ष की भूमिका रही है। हर्ष, पूर्णिमा सिंह के दिवंगत पति नीरज सिंह के माैसेरे भाई है। सिंह मैंशन और रघुकुल के बीच में लड़ाई की एक कड़ी हर्ष भी हैं। तत्कालीन झरिया के विधायक संजीव सिंह के खासमखास रंजय सिंह की हत्या की साजिश रचने का आरोप हर्ष पर है। इस मामले में वे जेल भी जा चुके हैं। पुलिस का कहना है कि धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या का एक कारण रंजय सिंह की हत्या का बदला लेना भी था। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।