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Chhath Puja 2022: झरिया जामाडोबा में तीन किन्‍नरों ने किया छठ महापर्व, दउरा लेकर पहुंचीं मोहलबनी घाट

किन्‍नरों को समाज में अपनी भी जगह बनाने के लिए हर रोज लड़ाई लड़नी पड़ती है। समाज की मुख्‍य धारा मानने वाले लोग आज तक किन्‍नरों को समाज का हिस्‍सा नहीं स्‍वीकार कर सके हैं इसके बावजूद यही किन्‍नर समाज में अपनी कार्यशैली से अनोखी मिसाल पेश कर रहे हैं।

By Govind Nath SharmaEdited By: Deepak Kumar PandeyUpdated: Mon, 31 Oct 2022 10:52 AM (IST)
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किन्‍नरों ने खरना कर 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा।
गोविन्द नाथ शर्मा, झरिया (धनबाद): किन्‍नरों को समाज में अपनी भी जगह बनाने के लिए हर रोज लड़ाई लड़नी पड़ती है। खुद को समाज की मुख्‍य धारा मानने वाले लोग आज तक किन्‍नरों को समाज का हिस्‍सा नहीं स्‍वीकार कर सके हैं, इसके बावजूद यही किन्‍नर समाज में अपनी कार्यशैली से अनोखी मिसाल पेश कर रहे हैं।

हम बात कर रहे हैं झरिया कोयलांचल के जामाडोबा में रहने वाले किन्‍नरों की। इनके आंगन में हर धर्म को सम्मान मिलता है। लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ पर इस बार झरिया जामाडोबा के किन्‍नरों ने 36 घंटे का व्रत कर भगवान सूर्य को अर्घ्‍य दिया। पूरी आस्‍था के साथ परंपरा के अनुरूप किन्‍नरों ने इस महापर्व को पूरी नेम-निष्‍ठा से किया। जामाडोबा निवासी झारखंड प्रदेश किन्‍नर समाज की अध्यक्ष छमछम देवी के निर्देश पर तीन किन्‍नर कलावती, काजल और रोशनी ने छठ पर नहाय-खाय के साथ पर्व की शुरुआत की और खरना कर 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा।

छठव्रती कलावती, काजल और रोशनी ने कहा कि पूरी स्वच्छता व नियम और निष्ठा के साथ छठ पर्व किया। महापर्व छठ के नहाय-खाय के दूसरे दिन शनिवार को खरना पूजा की। प्रसाद ग्रहण करने के बाद अगले 36 घंटे निर्जला उपवास पर रहकर रविवार को दऊरा लेकर मोहलबनी दामोदर नदी पहुंचीं। अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्‍य दिया। घाट पर कोसी भरने की भी रस्म पूरी की। अन्य किन्‍नरों ने भी सहयोग किया। सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्‍य देने के बाद पारण अब करेंगे। कहा कि यह व्रत अपने यजमानों के कल्याण के साथ समाज के हर वर्ग की खुशी व उन्‍नति के लिए की है। मौके पर निर्मला किन्‍नर, रेखा किन्‍नर आदि थीं।

किन्‍नर छमछम देवी ने भी वर्षों तक किया है छठ महापर्व

झारखंड प्रदेश किन्‍नर समाज की अध्यक्ष छमछम देवी ने कहा कि हम किन्‍नरों के आंगन में हर धर्म को सम्मान मिलता है। वर्षों तक मैने भी महापर्व छठ जामाडोबा में रहकर किया। मेरे साथ अन्य किन्‍नर भी व्रत करती थीं। अब उम्र अधिक होने के कारण अब दूसरी किन्‍नर व्रत कर रही हैं। छमछम देवी ने कहा कि हमारे आंगन में अखंड हरि कीर्तन भी होता है। ईद के अवसर पर जरूरतमंद मुस्लिमोंं के बीच वस्त्र व खाने के सामान बांटे जाते हैं।

बताया कि झरिया होरलाडीह कोलियरी स्थित हजरत चिमनी शाह बाबा के मजार पर हम किन्‍नर धूमधाम से हर साल चादरपोशी भी करते हैं। सिखों व ईसाई के पर्व में भी जरूरतमंदों में सामान बांटते हैं। हमारे लिए सभी धर्म बराबर हैं। हमलोग हर धर्म का आदर करते हैं।

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