सर्दी आते ही बच्चों में बढ़ा वायरल बीमारी का खतरा, निमोनिया के मामलों में आई तेजी; डॉक्टरों ने दिए अलर्ट रहने के निर्देश
ठंड आते ही बच्चों में वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ने लगा है। वायरल संक्रमण के साथ ही निमोनिया के केस में भी सामने आने लगे हैं। शहीद निर्मल अस्पताल और सदर अस्पताल में लगातार निमोनिया से पीड़ित बच्चे पहुंच रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बच्चों को खतरे से बचाने के लिए जरूरी सलाह भी दिए हैं।
By Jagran NewsEdited By: Shashank ShekharUpdated: Sat, 25 Nov 2023 09:49 AM (IST)
जागरण संवाददाता, धनबाद। धनबाद में ठंड बढ़ते ही बच्चे बीमार हो रहे हैं। बच्चों में वायरल संक्रमण के साथ ही अब निमोनिया के भी मामले सामने आ रहे हैं। शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल और सदर अस्पताल में निमोनिया से पीड़ित बच्चे पहुंच रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जितेश रंजन ने बताया कि सर्दी बढ़ने के साथ वायरस, बैक्टीरिया और विभिन्न प्रकार के कीटाणु तेजी से प्रभावित कर रहे हैं। बच्चों को सर्दी-खांसी होने के बाद सीने में तेजी से बलगम जमा हो रही है। इसके बाद यह तेजी से निमोनिया का रूप धारण कर रहा है।
'पहले से दोगुने से ज्यादा बच्चे बीमार हो रहे हैं।'
मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग की मानें तो वायरल संक्रमण के कारण पहले जहां 30 से 40 बच्चे पहुंच रहे थे तो वहीं, अब इसकी संख्या 80 से ऊपर चली गई है। लगभग दोगुने से ज्यादा बच्चे बीमार हो रहे हैं। इस 80 में लगभग 15 बच्चे निमोनिया से पीड़ित मिल रहे हैं।ज्ञात होगी एक बार फिर से निमोनिया महामारी की तरह चीन में फैल रही है। इसे लेकर अब केंद्र सरकार भी विभिन्न राज्यों को अलर्ट जारी कर रहा है।
निमोनिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया अभियान
निमोनिया रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने भी जागरूकता अभियान शुरू किया है। सिविल सर्जन डॉक्टर चंद्रभानु प्रतापन ने बताया कि निमोनिया बच्चों में एक जानलेवा बीमारी है। संक्रमित बच्चों में सर्दी, खांसी के साथ यह धड़कनों को तेज कर देता है।
बच्चे को सांस लेने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बच्चे कमजोर होने लगते हैं। ऐसे में समय रहते हुए तत्काल चिकित्सक से दिखाना चाहिए। निमोनिया को लेकर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश जारी किया गया है।यह भी पढ़ें: नौ माह में भी पता नहीं लगा सके पैरा ग्लाइडर क्रैश का कारण, जाॅय राइड सेवा शुरू होने पर संकट के बादल
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