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Dhanbad में पिंक आई का हमला: चपेट में आ रहे हैं बच्‍चे से बूढ़े, हवा से आंखों में जा रहा वायरस

बरसात के मौसम की शुरुआत होने के साथ ही तमाम बीमारियों ने घरों में दस्‍तक देना शुरू कर दिया है। इनमें से एक है पिंक आई जिसकी चपेट में बच्‍चे से लेकर बूढ़े तक सभी आ रहे हैं। इसे कंजेक्टिवाइटिस कहते हैं। यह काफी संक्रामक होता है केवल हवा से ही इसका वायरस दूसरे की आंखों में चले जाते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Tue, 25 Jul 2023 01:29 PM (IST)
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बारिश के मौसम में बच्‍चे से लेकर बूढ़े पिंक आई की चपेट में आ रहे हैं।

जासं, धनबाद। धूप व बरसात के कारण कोयलांचल में बैक्टीरिया व वायरस एक साथ आंखों पर हमला कर रहा है। इस कारण बच्चे के लेकर बड़े वायरल कंजेक्टिवाइटिस (आंख आना) के शिकार हो रहे हैं। सामान्य भाषा में इसे पिंक आई भी कहा जाता है। संक्रमण के कारण मरीज की आंखों में तेज गड़न, सूजन व दर्द होने के साथ ही पानी निकल रहा है।

हवा से बैक्‍टीरिया दूसरे की आंखों में चले जाते हैं

एसएनएमएमसीएच के नेत्र रोग विभाग के ओपीडी में हर दिन 15-20 ऐसे मरीज आ रहे हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. लोकेश जालान ने बताया कि बच्चों संग कामकाजी लोग भी इसकी चपेट में तेजी से आ रहे हैं। यह काफी संक्रामक होता है, केवल हवा से ही इसका वायरस दूसरे की आंखों में चला जाता है। कुछ ही समय में आंखों में खुजली होने के बाद आंखें लाल होने लगती है। कई स्कूल प्रबंधन भी अभिभावकों को मैसेज भेज पीड़ित बच्चों को स्कूल नहीं भेजने की अपील कर रहे हैं।

बीते पांच दिनों में मिले इतने मरीज

19 जुलाई- 12 मरीज

20 जुलाई- 25 मरीज

21 जुलाई- 27 मरीज

22 जुलाई- 17 मरीज

24 जुलाई- 31 मरीज

इन बातों का रखें ख्याल

संक्रमित मरीज के संपर्क में नहीं आएं। घर का कोई सदस्य संक्रमित हो जाए, तो उसे साफ तौलिया एवं कपड़े दें। संक्रमित का तौलिए या कपड़े का प्रयोग नहीं करें। अपने हाथों से आंखों को सीधा नहीं मलें। एक ही कमरे में ज्यादा लोग नहीं करें। संक्रमित होने पर चश्मा जरूर पहनें। खुद से कोई भी दवा या ड्राप नहीं डालें।

मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है। आंखों में बारिश का पानी जाते ही यह आंखों को संक्रमित कर रहा है। इस संक्रमण को बैक्टीरियल व वायरल कंजेक्टिवाइटिस कहते हैं। बच्चों को इससे अधिक पीड़ा हो रही है। कई जगह इसे पिंक आई भी कहा जाता है। डा. लोकेश जालान, नेत्र रोग विशेषज्ञ