डीआएम साहब, गोमो रेल नगरी की सड़कें कब सुधरेंगी
संवाद सहयोगी गोमो बाजार गोमो स्टेशन आने-जाने वाले यात्री जान हथेली पर लेकर चलते हैं क्योंकि
संवाद सहयोगी, गोमो बाजार: गोमो स्टेशन आने-जाने वाले यात्री जान हथेली पर लेकर चलते हैं, क्योंकि स्टेशन जानेवाली सभी सड़कें जानलेवा बन चुकी हैं। यास तूफान के दौरान हुई बारिश ने रेलवे विभाग की पोल खोल कर रख दी है। तीन रेलवे फाटक के ऊपर बनाए गए आरओबी ब्रिज से नीचे उतरकर लोको बाजार पहुंचते ही रेलवे स्टेशन जाने की सड़क पर गड्ढे ही गढ्ड़े हैं। इतना ही नहीं, गोमो स्टेशन के चारों ओर की सड़कें इसी तरह की हैं, जबकि लोको बाजार की सड़कें कुछ वर्ष ही पूर्व बनाई गई हैं। अब उक्त सड़क पर वाहन तो दूर, पैदल जाने में लोग कतरा रहे हैं। गोमो रेल नगरी की मुख्य सड़क से लेकर कॉलोनी तक की सड़कें इसी हाल को बयां कर रही है। इस सड़क से कई बार डीआरएम से लेकर अन्य कई बड़े रेल अधिकारी का आना-जाना हुआ लेकिन उस सड़क की मरम्मत नहीं हो सकी।
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ऐतिहासिक महापुरुष के नाम से जाने वाले गोमो रेलवे स्टेशन की बाहर की सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। यात्रियों के साथ साथ आम लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सेंकी गुप्ता, ग्रामीण, पुराना बाजार
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रेलवे की सड़कें गोमो में पैदल चलने लायक नहीं बची है। किस मापदंड से बनाई जाती है सड़कें, जो एक वर्ष भी नहीं चलती है। यह पूरी तरह व्यवस्था का दोष है।
राजेंद्र सिंह उर्फ रवि, प्रधान, गोमो दक्षिण