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धनबाद शहर की चरमराई सफाई व्यवस्था, दो दिन में 800 टन कचरा गली-मोहल्लों में जमा, 15 लाख राजस्‍व का नुकसान

झमाडा कर्मचारी के आश्रितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नगर निगम के 600 से अधिक सफाई कर्मियों सुपरवाइजर जेई समेत निगम कर्मियों ने मुख्यालय के समक्ष धरने पर बैठे। इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 09 Feb 2023 03:35 PM (IST)
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धनबाद नगर निगम के गेट के सामने प्रदर्शन करते कर्मचारी
जागरण संवाददाता, धनबाद। शहर में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सफाई व्यवस्था ठप रही। पूरे नगर निगम क्षेत्र में कहीं से भी कचरे का उठाव नहीं हुआ। नतीजा यह निकला कि गली मोहल्लों समेत मुख्य सड़कों पर भी जगह-जगह कचरे का ढेर लग गया। दो दिन में कुल 800 टन कचरा धनबाद की सड़कों और गलियों पर बिखरा पड़ा है। शहर में सफाई नहीं हुई। न तो कचरा उठाव हुआ और न धनबादवासियों को किसी भी नागरिक सुविधा का लाभ मिला।

शहर में पार्कों को भी रखा गया बंद

होल्डिंग टैक्स, वाटर टैक्स, यूजर चार्ज और जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए लोग नियम कार्यालय पहुंचे, लेकिन सभी को बैरंग लौटना पड़ा। मुख्यालय गेट के सामने ही सफाई कर्मी नगर निगम के कर्मचारी और वार्ड सुपरवाइजर धरने पर बैठे हैं। सिर्फ यही नहीं, चारों पार्क बिरसा मुंडा पार्क, राजेंद्र सरोवर, गोल्फ ग्राउंड और लिलोरी स्थान पार्क बंद रहा। मार्निंग वाकर्स को भी प्रवेश नहीं दिया गया।

दो विभागों की लड़ाई में पिस रहे आम लोग

सभी का कहना था कि दो विभागों की लड़ाई में आम लोगों का क्या कसूर, हमें क्यों मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। झमाडा एमडी एवं नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार पर जानलेवा हमला और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर निगम के सफाई कर्मियों, कार्यालय कर्मचारियों, सुपरवाइजर, जेई समेत सभी पदाधिकारी बुधवार से हड़ताल पर हैं।

लगभग 600 लोगों ने धरना प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों ने आरोपितों की गिरफ्तारी होने तक हड़ताल और धरना प्रदर्शन करने की बात कही थी। कर्मचारियों ने अनुमंडल पदाधिकारी और पुलिस प्रशासन के उदासीन रवैये पर कटाक्ष किया। साथ में यह भी कहा कि नामजद प्राथमिकी होने के बाद आरोपितों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया।

15 लाख से अधिक राजस्व की क्षति

शहर में साफ-सफाई पूरी तरह से ठप रही। कहीं से भी कचरे का उठाव नहीं हुआ। सफाई कार्य में लगी नगर निगम की एजेंसी रैमकी हर दिन शहर से 400 टन कचरा उठाती है। यह भी नहीं हो सका। इसके अलावा निगम के 600 से अधिक सफाई कर्मी 55 वार्ड में सफाई करते हैं, किसी वार्ड में सफाई नहीं हुई। नगर निगम के चारों पार्क से हर दिन लगभग एक लाख राजस्व की प्राप्ति होती है। इसका नुकसान हुआ। एक दिन झमाडा आश्रित और दो दिन से निगम कर्मियों की हड़ताल की वजह से होल्डिंग, वाटर टैक्स, यूजर चार्ज आदि मद से होने वाली आय में लगभग 15 लाख रुपये के राजस्व की क्षति हुई।

यह था मामला

मंगलवार को झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (झमाडा) के कर्मचारियों के आश्रितों ने झमाडा एमडी व नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार को छह घंटे तक उनके ही कार्यालय में बंधक बनाए रखा था। दिनभर नगर निगम मुख्यालय के सामने धरने पर बैठे रहे। शाम छह बजे के बाद जब एमडी ने निकलने का प्रयास किया तो सभी ने घेर लिया। भीड़ बढ़ती देख नगर निगम के पदाधिकारियों, इंजीनियर, सुपरवाइजर ने सुरक्षा घेराबंदी कर निकालने का प्रयास किया।

इस बीच आश्रितों और निगम कर्मियों के बीच बहस हुई। सभी एक-दूसरे से गुत्थमगुत्था हो गए। नगर आयुक्त को पकड़ने का प्रयास किया। किसी तरह निगम कार्यालय से नगर आयुक्त को निकालने का प्रयास हुआ। आश्रित नगर आयुक्त की गाड़ी के सामने लेट गए। निगम कर्मियों ने जबरन सभी को हटाया। नगर निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने इस पूरे घटनाक्रम में नगर आयुक्त पर जानलेवा हमला एवं सरकारी कार्य में बाधा बताते हुए 20 आश्रितों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई।

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