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Coal India को सर्वाधिक तेजी से उभर रही महारत्न कंपनी का खिताब, चेयरमैन ने अधिकारियों-कर्मचारियों को दी बधाई

चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कहा है कि कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने लगातार दूसरे वर्ष 150 मिलियन टन का उत्पादन किया। नार्दर्न कोलफीस्ड्स लिमिटेड ने 150.55 मिलियन टन कोयला का उत्पादन कर पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए।

By MritunjayEdited By: Updated: Tue, 18 May 2021 09:54 AM (IST)
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देश की सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला उत्पादन कंपनी कोल इंडिया ( फाइल फोटो)।
धनबाद, जेएनएन। कोल इंडिया को सर्वाधिक तेजी से उभर रही महारत्न कंपनी का खिताब हासिल हुआ है। इसके मद्देनजर चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कोल इंडिया के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व स्टेक होल्डर्स को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में कंपनी ने 602.14 मिलियन टन कोयला का उत्पादन किया। यह कुल लक्ष्य का 91 फीसद था। कंपनी ने 581.93 मिलियन टन कोयला का डिस्पैच किया जो कि कुल लक्ष्य का 88 फीसद था। कोलोना काल में कोल इंडिया की उपलब्धि बहुत बड़ी बात है। कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयों के अधिकारी और कर्मचारियों का इस उपलब्धि में बड़ा योगदान है। 

21244.55 करोड़ रुपये निवेश का निर्णय

चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कहा है कि कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने लगातार दूसरे वर्ष 150 मिलियन टन का उत्पादन किया। नार्दर्न कोलफीस्ड्स लिमिटेड ने 150.55 मिलियन टन कोयला का उत्पादन कर पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। कंपनी को 106.25 मिलियन टन का लक्ष्य मिला था। वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने भी तीन दिन पहले ही अपना लक्ष्य साध लिया। 56 मिलियन टन लक्ष्य की जगह कंपनी ने 57.64 मिलियन टन का उत्पादन किया। 2019-2020 के दौरान कंपनी ने 18 नई परियोजनाएं शुरू करने का निर्णय अपनी अनुषंगी कंपनियों के साथ लिया। इससे उसे 132.04 मिलियन टन प्रति वर्ष कोयला प्राप्त होगा। इस मद में कंपनी ने 21244.55 करोड़ रुपये निवेश का निर्णय लिया है।

कोयला मंत्रालय का छवि बनाने पर जोर

कोयला मंत्रालय ने कोल इंडिया व उसकी अनुषंगी कंपनियों की सकारात्मक छवि गढ़ने के लिए अधिकारियों को प्रेरित किया है। सोमवार को हुई ऑनलाइन बैठक में संयुक्त सचिव एबी पाति ने बीसीसीएल समेत कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों संग ऑनलाइन बैठक की। उन्होंने कहा कि सीएसआर फंड से कंपनियां हमेशा कोई न कोई काम करती रहती है। पर्यावरण, कल्याण विभाग व अन्य विभागों में भी जो भी सकारात्मक कार्य हो रहे हों उन्हें आम लोगों तक कैसे ले जाया जाए इस पर विभाग के अधिकारियों को विचार करना चाहिए। उन्होंने ऐसे कार्यों को आम जन तक पहुंचाने के लिए सभी कंपनियों को मीडिया प्लान बनाने और उसे एक सप्ताह के अंदर वाया कोल इंडिया मंत्रालय को भेजने का निर्देश दिया। बैठक में कोल इंडिया के जनसंपर्क महाप्रबंधक के सुनील कुमार, बीसीसीएल के जनसंपर्क विभागाध्यक्ष सुनील कुमार, जनसंपर्क पदाधिकारी नीलांजना चक्रवर्ती व अभिजीत शामिल थे।

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