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Dhanbad Lok Sabha Result: धनबाद लोकसभा सीट पर क्यों हुई कांग्रेस की हार? कार्यकर्ताओं ने गिनवा दिए ये बड़े कारण

शनिवार को धनबाद लोकसभा सीट हारने के बाद पहली बार इसके कारणों को लेकर कांग्रेस ने समीक्षा बैठक की। इस बैठक में धनबाद लोकसभा सीट हारने का कारण पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आपसी समन्वय की कमी बताई के साथ कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने व प्रत्याशी से सीधा संवाद न होना भी मुख्य कारण बताया। बैठक में झारखंड चुनाव परिणाम समीक्षा समिति के अध्यक्ष व कई पार्टी नेता पहुंचे।

By Ashish Singh Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Sat, 06 Jul 2024 08:47 PM (IST)
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धनबाद लोकसभा चुनाव में हार के कारणों की समीक्षा करने पहुंचे झारखंड चुनाव परिणाम समिति के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप बलमुचू
जागरण संवाददाता, धनबाद। धनबाद लोकसभा सीट हारने के बाद पहली बार इसके कारणों की समीक्षा कर रही कांग्रेस की बैठक गर्मागर्म रही।

शनिवार को पंचशील पाम धैया में आयोजित धनबाद लोकसभा चुनाव परिणाम की समीक्षा में अधिकतर कांग्रेसी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने आपसी समन्वय की कमी, संगठन के कार्यकर्ताओं दरकिनार करने और प्रत्याशी से सीधा संवाद न होना बड़ा कारण बताया।

इन्होंने रखी अपनी बात

धनबाद लोकसभा चुनाव में हार कारणों की समीक्षा करने पहुंचे झारखंड चुनाव परिणाम समीक्षा समिति के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप बलमुचु, पूर्व सांसद सदस्य प्रदीप तुलस्यान, भीम कुमार एवं सुल्तान अहमद के सामने कांग्रेसियों ने खुलकर अपनी बात रखी।

कुछ ने कहा कि चुनाव में आपसी समन्वय की कमी रही और कांग्रेस प्रत्याशी को समय कम मिला। इस पर कुछ ने आपत्ति जताते हुए कहा कि चुनाव संगठन लड़ता है प्रत्याशी नहीं।

अल्पसंख्यक एवं अनुसूचित जाति के कांग्रेस नेताओं ने पार्टी में खुद की उपेक्षा और अल्पसंख्यक समाज से प्रत्याशी न दिए जाने पर भी सवाल किया। इन सबके बीच झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने प्रत्याशी से ऊपर संगठन की बात कर सभी को चुप करा दिया।

ये बोले झरिया के विधायक

झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव भी बहुत करीब से देखा है। जो हालात 2019 में थे वो 2024 में नहीं थे। हमने अपना वोटिंग परसेंटेज बढ़ाया है। इसके लिए सभी को बधाई। शिकायतें अपनी जगह हैं। पांचों उंगलियां बराबर नहीं हैं।

इसी तरह पार्टी संगठन में सभी कार्यकर्ताओं की मानसिकता एक जैसी नहीं होती। इसके बावजूद सभागार में मौजूद पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं ने अपनी तरफ से पूरा प्रयास किया। इस बार धनबाद की जनता ने महसूस किया कि लोकसभा चुनाव की वाकई लड़ाई हो रही है।

कोई अनुसूचित जाति की बात कर रहा, कोई अल्पसंख्यक तो कोई पिछड़ा की। आपस में लड़ेंगे तो पार्टी की बात और देश की बात कौन करेगा। कोई भी चुनाव जीवन का अंतिम चुनाव नहीं होता है। आप लोगों ने बहुत मेहनत की। आप सभी लड़ाई में थे, यहां से लेकर दिल्ली तक चुनाव की चर्चा हुई।

'सब अपना-अपना बूथ संभालें'

सबसे पहले एक दूसरे की टांग खींचना बंद कीजिए। प्रत्याशी ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। चुनाव संगठन लड़ता है, प्रत्याशी नहीं। जितने भी लोग हैं, बस अपना-अपना बूथ संभाल लीजिए, आगे का चुनाव हम जीत जाएंगे। पार्टी ने जो निर्णय ले लिया, उसके साथ आंख मूंदकर खड़े रहिए यह पहला अनुशासन है।

हमने क्या किया इसका आकलन, दूसरा अनुशासन है और तीसरा यह है कि आपस में एक दूसरे की टांगना न खींचे। इस दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने अपनी बात रख पाने को लेकर हंगामा भी किया। मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह, ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह, मदन महतो उपस्थित थे।

हमारी पूछ नहीं तो हटा दें अनुसूचित विभाग

समीक्षा बैठक के दौरान कांग्रेस अनुसूचित जाति के जिलाध्यक्ष राजू दास ने कहा कि धनबाद में एससी-एसटी बड़ा वोट बैंक है। फिर भी पार्टी दरकिनार कर रही है। प्रत्याशी बाहर से आते हैं, बड़े-बड़े घर के लोगों में जाते हैं लेकिन अनुसूचित जाति जनजाति के घर में नहीं जाते, ऐसा क्यों।

20 साल से धनबाद ने कांग्रेस का सांसद नहीं देखा है। हमें कोई सम्मान ही नहीं दिया जाता। जब विभाग के जिलाध्यक्ष की ही पूछ नहीं है तो यह विभाग हटा देना चाहिए।

इस पर पीछे से कार्यकर्ता ने चुटकी ली, 200 गाड़ियों में पेट्रोल भराने और प्रत्येक मतदाता के नाम पर 1500-1500 रुपये ले लिया और कह रहे हैं कि सम्मान नहीं मिलता। महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष सीता राणा ने कहा कि हमें क्षेत्र में बताने में दिक्कत होती थी कि अनुपमा कौन हैं, क्योंकि उनसे मुलाकात ही नहीं हो पाती थी। कांग्रेस में सब नेता हैं, कार्यकर्ता नहीं कोई बनना चाहता है।

बाहरी-भीतरी, बैकवर्ड-फारवर्ड का काट नहीं निकाल सके

प्रोफेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष डीके सिंह ने कहा आज हम आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं, लेकिन संगठन के सभी कार्यकर्ताओं ने पूरे मनोयोग से कार्य किया। भाजपा प्रत्याशी ढुलू महतो ने ग्रामीण क्षेत्र में बाहरी भीतरी और शहर में बैकवर्ड फारवर्ड का नारा दिया। हम इसका काट नहीं लगा सके।

हम कहीं न कहीं ग्रास रूट पर मतदाताओं की भावनाएं समझने में विफल रहे। ढुलू को इसी का फायदा मिला। एनएसयूआइ जिलाध्यक्ष गोपाल कृष्ण चौधरी ने कहा चुनाव में संगठन को दरकिनार किया गया। प्रत्याशी से तालमेल की कमी रही। जिम्मेवारी का बंटवारा संगठन की ओर से हो। जातिगत समीकरण पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

'परसेप्शन यह तैयार हुआ कि कांग्रेस फॉरवर्ड की पार्टी'

अल्पसंख्यक विभाग के जहीर ने कहा लंबे-लंबे पदों पर आसीन होने का कोई फायदा नहीं, अगर आप सक्षम नहीं हैं तो पद से इस्तीफा दें। रही बात कम समय मिलने की तो यह गलत बात है। चुनाव संगठन लड़ता है प्रत्याशी नहीं। सभी पदाधिकारी अपना बूथ सार्वजनिक करें पता चल जाएगा, कहां कितना वोट मिला।

परसेप्शन तैयार हुआ कि कांग्रेस फारवर्ड की पार्टी है और भाजपा बैकवर्ड की पार्टी है। इसे पाटने में हम लोग विफल रहे और ढुलू महतो ने फायदा उठा लिया। यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष कुमार गौरव सोनू ने कहा कि प्रत्याशी ने चुनाव अच्छे से लड़ा। उनके बूथ पर भाजपा को अधिक वोट मिला, इसलिए पहले अपने बूथ पर कमियां दूर करेंगे।

नहीं पहुंची धनबाद कांग्रेस की लोकसभा प्रत्याशी अनुपमा

चुनावी समीक्षा में धनबाद लोकसभा सीट से आइएनडीआइए प्रत्याशी अनुपमा सिंह एवं उनके पति बेरमो विधायक अनूप सिंह नहीं पहुंचे। पूरे बैठक में कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी इस बात चर्चा करते रहे।

कार्यकर्ताओं ने यहां तक कहा कि प्रत्याशी को समिति का सामना करना चाहिए था। कार्यकर्ताओं के प्रश्नों का भी जवाब न देना पड़े, इसलिए कोई नहीं पहुंचा।

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