Valentine day के दिन होगी गौ आलिंगन प्रतियोगिता, विजेताओं को मिलेगा लुभावना पुरस्कार, जानें पूरी डिटेल
धनबाद में पवित्रम गौ सेवा परिवार की ओर से 14 फरवरी को गौ आलिंगन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है क्योंकि गौवंश को सृष्टि का आधार और प्रकृति का अमूल्य धन माना गया है। इसके विजेताओं को पुरस्कार भी मिलेगा।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 13 Feb 2023 02:25 PM (IST)
जागरण संवाददाता, धनबाद। पाश्चात्य संस्कृति के तहत 14 फरवरी को मनाए जाने वाले वैलेंटाइन डे के दिन अब भारतीय संस्कृति के तहत गौवंश प्रेमियों और संगठनों की ओर से गौ आलिंगन प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। इसके तहत विभिन्न प्रकार के गौशाला एवं अन्य जगहों से गोपालक अपने गौवंश के साथ आलिंगन करेंगे। पवित्रम गौ सेवा परिवार की ओर से इसके लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
प्रकृति में गौवंश सबसे अमूल्य धन
पवित्रम गौ सेवा परिवार के धनबाद प्रमुख अजय भरतीया ने बताया कि भारतीय संस्कृति प्रेम प्रकृति और हर जीवों से करना सिखाया है। इस प्रकृति में गोवंश सबसे अमूल्य धन है इसलिए पाश्चात्य संस्कृति से दूर युवाओं को जागृत करने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही यह बताने की कोशिश हो रही है कि प्रेम अपने गौवंश से करें। इसे लेकर पवित्रम गौसेवा परिवार की ओर से 14 फरवरी को गौवंश आलिंगन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
14 से 18 फरवरी के बीच फोटो भेजिए, पुरस्कार पाइए
अजय भरतीया ने बताया कि 14 फरवरी से लेकर 28 फरवरी तक आप लोग गौ माता के साथ सेल्फी/फोटो लेकर हमें 8210034568 अथवा abhyaassevasamity@gmail.com पर अपनी प्रविष्टि भेजें। सर्वश्रेष्ठ 3 प्रतिभागियों को भारत के प्रसिद्ध गौ सेवको के हाथों सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गौवंश सृष्टि का आधार है। आज गौवंश पर आधारित कई प्रकार की व्यवस्थाएं तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। एक ओर गौवंश हमारी संस्कृति का आधार है, तो दूसरी ओर जीविकोपार्जन के लिए यह एक बड़ा स्रोत है।गौशाला संचालकों की ओर से भी मनाया जा रहा आलिंगन दिवस
धनबाद के कतरास झरिया गौशाला प्रबंधन की ओर से गौवंश आलिंगन दिवस मनाया जाएगा। 14 फरवरी को आयोजित इस कार्यक्रम की तैयारी की जा रही है। झरिया कतरास गौशाला की ओर से सभी सदस्यों को इस दिन एकत्र होने का आह्वान किया गया है। इस दौरान सदस्यों की ओर से गौ पूजन भी किया जाएगा।यह भी पढ़ें- पाकुड़ की मां नित्यकाली से साधक बामाखेमा का था अद्भुत रिश्ता, 300 साल पुरानी इस शक्तिपीठ का है रोचक इतिहास
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