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भाकापा माले ने सीट शेयरिंग पर दिखाए तेवर, विधानसभा चुनाव से पहले I.N.D.I.A में पड़ जाएगी फूट?

CPI ML Will Contest In Assembly Election झारखंड में भाकपा माले विधानसभा चुनाव की घोषणा का इंतजार कर रही है। पार्टी के केंद्रीय महासचिव का कहना है कि आईएनडीआईए में सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बनने की स्थिति वह अपनी आगे की रणनीति तैयार करेगी। सीपीआईएमएल के इस रुख से साफ है कि पार्टी अपना दावा छोड़ने वाली नहीं है और महागठबंधन में हालात बदल भी सकते हैं।

By Dharmdev Chaudhary Edited By: Yogesh Sahu Updated: Wed, 11 Sep 2024 08:49 PM (IST)
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आईएनडीआईए में सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी तो अकेले चुनाव लड़ेगी माले: दीपांकर
संवाद सहयोगी, मैथन (धनबाद)। झारखंड विधानसभा चुनाव में भाकपा माले आईएनडीआईए के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। यदि गठबंधन में सीटों को लेकर बात नहीं बनी तो माले अकेले चुनाव लड़ेगी। ये बातें भाकपा माले के केंद्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहीं हैं।

वे बुधवार को मैथन में पार्टी की दो दिवसीय केंद्रीय कमेटी की बैठक संपन्न होने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाकपा माले में मासस के विलय से देश के वामपंथी आंदोलन को नया आयाम मिलेगा।

भाजपा तोड़फोड़ व खरीद-फरोख्त की राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि वामपंथ का एक होकर आगे बढ़ना ऐतिहासिक कदम है। यह भी कहा कि गोरक्षा के नाम पर लोगों की हत्या करनेवाले आतंकवादी हैं। केंद्र सरकार इस पर तुरंत रोक लगाए।

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर भी रखी अपनी बात

वक्फ बोर्ड में संशोधन के नाम पर केंद्र सरकार जमीन छीनकर कारपोरेट सेक्टर को देना चाह रही है। इसका विरोध करते हैं। भाजपा शासित राज्य बुलडोजर कल्चर को खत्म कर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का अनुपालन करें।

उन्होंने कहा कि चार राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी हर स्तर पर तैयार है। कहा कि 24 व 25 सितंबर को गिरिडीह में राज्य कमेटी की बैठक की जाएगी, इसमें आगे की रणनीति तय करेंगे।

महिलाओं के खिलाफ अपराध पर जताई चिंता

दीपांकर ने देशभर में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर दुख जताया। बंगाल में डॉक्टर बेटी के साथ दरिंदगी के बाद हत्या के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान में महिलाओं के साथ हुई घटनाओं पर चिंता जताई।

ऐसी घटनाओं पर रोक के लिए केंद्र सरकार कदम उठाए। केंद्र की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है। बेरोजगारी चरम पर है। महंगाई बढ़ रही है।

ऐसे में केंद्र सरकार को अपनी नीति में बदलाव करना चाहिए। इस दौरान विधायक विनोद सिंह, पूर्व विधायक अरूप चटर्जी, आनंद महतो, राजाराम सिंह, हलधर महतो, सुदामा प्रसाद, मनोज भक्त, मीना तिवारी, शशि यादव समेत अनेक माले पदाधिकारी व कार्यकर्ता थे।

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