धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर फिलहाल कोई खतरा नहीं
धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है। मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने जो प्रोटोकॉल तय किए थे। उनका पालन हो रहा है। ट्रैक की नियमित निगरानी हो रही है। हर हफ्ते रेल अधिकारी भी ट्रैक की मॉनिटरिग कर रहे हैं। यह कहना है डीआरएम आशीष बंसल का।
जागरण संवाददाता, धनबाद : धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है। मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने जो प्रोटोकॉल तय किए थे। उनका पालन हो रहा है। ट्रैक की नियमित निगरानी हो रही है। हर हफ्ते रेल अधिकारी भी ट्रैक की मॉनिटरिग कर रहे हैं। यह कहना है डीआरएम आशीष बंसल का। उन्होंने कहा कि प्रति सप्ताह मुख्य खनन सलाहकार स्तर पर भी ट्रैक की निगरानी हो रही है। उनके स्तर पर भी रेलवे लाइन को सुरक्षित पाया गया है। रेल लाइन के स्थायी डायवर्जन के बारे में कहा कि वैकल्पिक लाइन को लेकर भी काम चल रहा है। डायवर्जन प्रोजेक्ट को बजट में फंड नहीं मिलने पर कहा कि ऐसे कई प्रोजेक्ट हैं, जिनके लिए बाद में भी आवश्यकता के अनुसार फंड उपलब्ध कराए जाते हैं।
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- कुसुंडा, पाथरडीह, जमुनियाटांड़ और दुग्धा में इस साल पूरा हो जाएगा पैनल इंटरलॉकिग
- ओवरहेड तार में गड़बड़ी दूर करने को स्काडा सिस्टम लगेगा, मिले 6.95 करोड़
- सिग्नलिग सिस्टम के अपग्रेडेशन को मिले 10.3 करोड़
- सोननगर से गोमो तक डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर फेज-2 के लिए टेंडर जल्द
- इस वित्तीय वर्ष में 16 मानवरहित रेल फाटक बंद होंगे
- सिग्नलिग सिस्टम के तहत लीवर फ्रेम हटाने को मिले एक करोड़ 40 लाख
- गोमो स्टेशन पर लगेंगे कोच इंडीकेटर बोर्ड
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धनबाद से मानपुर तक खड़ी होगी रेलवे लाइन के दोनों ओर चाहरदीवारी
- 160 से 200 किमी प्रति घंटे चलने वाली ट्रेनों के लिए रेलवे ने शुरू की तैयारी, हटेंगे रेल लाइन के किनारे वाले अतिक्रमण
धनबाद : 160 से 200 किमी प्रति घंटे चलने वाली ट्रेनों के लिए रेलवे ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए ओवरहेड तार में बदलाव के साथ रेलवे ट्रैक व सिग्नलिग सिस्टम में बदलाव किए जा रहे हैं। तेज रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों के आगे मवेशी न आ सकें इसके लिए धनबाद से मानपुर तक अलग-अलग जगहों पर ऊंची चाहरदीवारी का निर्माण होगा। इस दौरान रेलवे लाइन के दोनों किनारे से अतिक्रमण हटाए जाएंगे। डीआरएम ने कहा कि ट्रेनों की गति बढ़ाने वाले प्रोजेक्ट के लिए धनबाद रेल मंडल को 200 करोड़ मिले हैं।