धनबाद में बढ़ रहा Dengue के स्ट्रेन-2 का खतरा, मेडिकल कॉलेज में नहीं है जीनोम सीक्वेंसिंग की व्यवस्था
Dengue Cases In Dhanbad झारखंड के धनबाद में डेंगू का खतरा लगातार बढ़ रहा है। एक तरफ मरीजों की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी ओर स्वास्थ्य सिस्टम बदहाल हालत में है। आपको जानकर हैरानी होगी कि धनबाद के मेडिकल कॉलेज में जीनोम सीक्वेंसिंग की व्यवस्था ही नहीं है। कोरोना काल में भी धनबाद मेडिकल कॉलेज में जीनोम सीक्वेंसिंग की व्यवस्था नहीं थी।
जागरण संवाददाता, धनबाद। Dengue News देशभर में डेंगू खतरनाक रूप लेता जा रहा है। डेंगू का स्ट्रेन 2 टाइप लोगों की जान ले रहा है। इसे लेकर झारखंड में भी अलर्ट जारी किया गया है। लेकिन दुर्भाग्य है कि शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल धनबाद में जीनोम सीक्वेंसिंग की कोई व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है। ऐसी स्थिति में धनबाद में मिल रहे डेंगू मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं हो रही है।
धनबाद में अभी तक 70 से अधिक डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। बता दें कि तेज बुखार से धनबाद में अभी तक तीन लोगों की जान चली गई है। एक मरीज महुदा तो दो मरीज झरिया के रहने वाले थे। लेकिन इन मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं की गई।
कोरोना काल में भी शुरू नहीं हो सकी थी जीनोम सीक्वेंसिंग की व्यवस्था
कोरोना काल 2020-21 में मेडिकल कॉलेज में जीनोम सीक्वेंसिंग की व्यवस्था शुरू करने की कोशिश हुई थी। इसके लिए प्रारंभिक तैयारी भी शुरू की गई। कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। कुछ मशीनें भी मुहैया कराई गईं। लेकिन इसके बाद यह सेवा मेडिकल कॉलेज में नहीं शुरू हो पाई। लिहाजा कोरोना संक्रमित मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल पुणे और दिल्ली भेजे गए।
4 टाइप का होता है डेंगू, इसमें सबसे खतरनाक स्ट्रेन 2
जिला वेक्टर बोर्न डिजीज सलाहकार रमेश कुमार सिंह बताते हैं डेंगू के चार टाइप होते हैं। यह एक प्रकार का वायरस है। वायरस के चार सीरोटाइप होते हैं, स्ट्रेन-2, स्ट्रेन-3 और स्ट्रेन-4। इसमें स्ट्रेन-2 गंभीर माना जाता है। इस टाइप में डेंगू के मरीज की इंटरनल ब्लीडिंग होने लगती है।
इसमें पेट, नाक, कान आदि जगहों से रक्त आ सकता है। हालांकि, धनबाद में अभी ऐसा कोई भी मरीज नहीं है। जो भी मरीज मिल रहे हैं वह स्ट्रेन वन के हैं। जिसे ज्यादा गंभीर श्रेणी में नहीं रखा जाता है। बीमार लोगों पर लगातार विभाग की निगरानी है।
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