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Deoghar Septic Tank Incident: देवघर में सेप्टिक टैंक बना माैत का कुआं, मकान मालिक समेत छह ने तोड़ा दम

Deoghar Septic Tank Construction Incident घटना में मरने वालों में कोल्हड़िया गांव निवासी 48 वर्षीय गोविंद मांझी और उनका पुत्र 26 वर्षीय बबलू मांझी व 24 वर्षीय लालू मांझी शामिल है।

By MritunjayEdited By: Updated: Sun, 09 Aug 2020 03:45 PM (IST)
Deoghar Septic Tank Incident: देवघर में सेप्टिक टैंक बना माैत का कुआं, मकान मालिक समेत छह ने तोड़ा दम
देवघर, जेएनएन। Deoghar Septic Tank Construction Incident देवघर के देवीपुर मुख्य बाजार के समीप रविवार की सुबह एक निर्माणाधीन मकान के सेप्टिक टैंक की जहरीली गैस से दम घुटने के कारण छह लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में गृहस्वामी ब्रजेश चंद बरनवाल, उसका भाई मिथिलेश चंद बरनवाल, राजमिस्त्री गोविंद मांझी, उसके दो बेटे बबलू मांझी, लालू मांझी सहित मजदूर लीलू मुर्मू की मौत हो गई। 

जानकारी के मुताबिक तकरीबन 20 दिन पहले ब्रजेश ने अपने मकान में शौचालय निर्माण के लिए एक सेप्टिक टैंक की ढलाई करवाई थी। इस दौरान किसी खतरे की आशंका को देख इसके मेन होल के ढक्कन को बंद कर दिया था। रविवार की सुबह साढ़े नौ बजे के करीब शटङ्क्षरग पटरे को खोलने के लिए टैैंक के अंदर राजमिस्त्री गोङ्क्षवद मांझी, मजदूर लीलू मुर्मू उतरे। काफी देर तक अंदर से किसी तरह की आवाज नहीं आने पर मकान मालिक ब्रजेश को अनहोनी का अंदेशा हुई और वे भी टैंक के अंदर गए। काफी देर तक अंदर कोई हलचल नहीं होने पर उनके भाई मिथिलेश भी टैंक के अंदर गए। चारों के अंदर जाने के बाद भी कोई सुगबुगाहट नहीं होता देख राज मिस्त्री गोङ्क्षवद का बेटा बबलू और लालू उन्हें बचाने के लिए अंदर गए। लेकिन दम घुटने के कारण अंदर ही सबकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही देवीपुर पुलिस ने रेस्क्यू के लिए जेसीबी मंगवाया और सभी छह लोगों को बाहर निकालकर देवघर सदर अस्पताल भेजा। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने सभी मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही देवघर उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद ङ्क्षसह सदर अस्पताल पहुंचे तथा पूरे घटना की जानकारी ली। 

यह काफी दुखद घटना है। सरकारी प्रावधान के मुताबिक जो भी सरकारी सहायता होगी मृतक के आश्रितों को दिया जाएगा। इसके लिए सीओ को निर्देश दिया गया है। -

-कमलेश्वर प्रसाद सिंह, उपायुक्त देवघर 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

निश्चित तौर पर सेप्टिक टैंक बनाने के मापदंडों की अनदेखी हुई है। टैंक में इनलेट और आउटलेट का छेद निर्माण के दौरान खुला रखा जाता है। इसके लिए अलावा मेन होल भी बंद नहीं किया जाना चाहिए। अगर ये सभी बंद रखे गए होंगे तो टैंक के अंदर जहरीली गैस बनने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। साथ ही टैैंक में उतरने के पहले ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए थी।   

-आरएस दास, सेवानिवृत्त कार्यपालक अभियंता, भवन निर्माण विभाग

सेप्टिक टैंक निर्माण में चूक हुई है। टैंक के अंदर कार्बन डॉयऑक्साइड की मात्रा अधिक जमा हो गई थी। ऑक्सीजन का लेवल कम होने के कारण अंदर जाने वाले व्यक्तियों का दम घुटने से मौत हुई होगी। कभी-कभार सेप्टिक टैंक के अंदर किसी सामग्री की सडऩे के करण मिथेन गैस भी बनता है और यह गैस भी जानलेवा होता है। आसपास के घरों के सेप्टिक टैंक के रिसाव से भी टैंक में जहरीली गैस जमा होने की संभावना भी रहती है।

-डॉ.नीतिश प्रियदर्शी, सहायक प्रोफेसर, भू-गर्भ विज्ञान विभाग, रांची विश्वविद्यालय

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