Dhanbad: ईसाई धर्म अपनाने वाले आमझर के कई ग्रामीणों ने की घर वापसी... हिंदू धर्म में लौटने का आश्वासन दिया
हिंदू धार्मिक संगठन से जुड़े कई लोग मामले को लेकर गांव पहुंचे थे। गांव वालों ने यह कहकर उन्हें वापस कर दिया की वे लोग स्वयं मामले के समाधान में जुटे हैं। गांव वालों की बात सुन धार्मिक संगठन से जुड़े लोग वहां से चले गए।
By Govind Nath SharmaEdited By: Atul SinghUpdated: Wed, 14 Sep 2022 08:49 PM (IST)
संवाद सहयोगी, बलियापुर: आमझर गांव रविदास टोला में आधा दर्जन परिवार ने ईसाई धर्म अपना लिया था। गांव के प्रबुद्ध लोगों व सामाजिक कार्यकर्ताओं की पहल पर धर्म परिवर्तन करने वाले कई लोग अब अपनी पुराने धर्म में लौटने लगे हैं। धर्म परिवर्तन करने वाले गांव के अनिल रविदास के परिवार के सभी चार सदस्य ईसाई धर्म को छोड़ अपने पुराने हिंदू धर्म में लौट आए हैं।
अनिल ने बताया कि वे गांव की सामाजिक परंपरा के साथ रहना चाहते हैं। उनके साथ धर्म परिवर्तन करने वाली उनकी पत्नी दुलाली देवी, पुत्र शंकर रविदास, पुत्रवधू जूही देवी आदि ईसाई धर्म को त्याग कर अपने पुराने समाज व हिंदू धर्म में लौट आए हैं। अनिल ने कहा कि गांव वालों से मिलजुल कर समाज में रहने से ही सभी का भला है। गांव के राजेश रविदास, विकास दास आदि ने कहा कि धर्म परिवर्तन करने वाले गांव के अन्य परिवार के लोगों ने भी ईसाई धर्म को छोड़ हिंदू धर्म में लौटने का आश्वासन दिया है।
मंगलवार की देर शाम गांव में हिंदू धार्मिक संगठन से जुड़े कई लोग मामले को लेकर गांव पहुंचे थे। गांव वालों ने यह कहकर उन्हें वापस कर दिया की वे लोग स्वयं मामले के समाधान में जुटे हैं। गांव वालों की बात सुन धार्मिक संगठन से जुड़े लोग वहां से चले गए। मालूम हो कि गांव के आधा दर्जन परिवार के लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया था। ईसाई धर्म की प्रार्थना सभाओं में शामिल होने लगे थे। गांव वालों को इसकी जानकारी मिली तो काफी बवाल हुआ था। ग्रामीणों ने ईसाई धर्म अपनाने वाले परिवार के सदस्यों की ओर से आयोजित प्रार्थना सभा का पुरजोर विरोध किया था। गांव में तनाव की स्थिति उत्पन्न होने के बाद बलियापुर थाना पुलिस को भी हस्तक्षेप करना पड़ा था। दोनों पक्षों के लोगों के थाना पहुंचने और घंटों समझाने के बाद मामला शांत हुआ था। बाद में समाज के प्रबुद्ध लोगों व गांव के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने धर्म परिवर्तन करने वाले वैसे सभी परिवार के लोगों के घर-घर पहुंच कर समझाया तो मतांतरित लोग अपने पुराने धर्म में लौटने लगे।
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