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Jharkhand News: ECL में नौकरी दिलाने के नाम पर भाजपा नेता ने हड़पे 11.70 लाख रुपये, युवक ने दर्ज कराया केस

झारखंड के धनबाद में अनुकंपा के आधार पर नौकरी दिलाने का भरोसा देकर भाजपा के निरसा मंडल अध्यक्ष बृहस्पति पासवान ने एक युवक से 11 लाख 70 हजार रुपये हड़प लिये। भुक्तभोगी युवक ने अदालत में भाजपा नेता पर मामला दर्ज कराया है। हालांकि बृहस्पति पासवान ने युवक द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए साजिश का आरोप लगाया है।

By Sanjaynirsa Kumar Singh Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sun, 11 Aug 2024 07:51 AM (IST)
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ईसीएल में नौकरी दिलाने के नाम पर की ठगी। (सांकेतिक फोटो)
संवाद सूत्र, निरसा (धनबाद)। शासनबेड़िया निवासी बलराम बाउरी ने भाजपा के निरसा मंडल अध्यक्ष बृहस्पति पासवान पर नौकरी दिलाने के नाम पर 11 लाख 70 हजार रुपये हड़पने और धमकी देने का आरोप लगाया है। भुक्तभोगी ने न्यायालय में भाजपा नेता पर मामला दर्ज कराया है।

भुक्तभोगी ने बताया कि उसकी मां ईसीएल में स्थायी कर्मचारी के पद पर कार्यरत थी। उनकी नियुक्ति की 15 जुलाई 2007 को हुई थी। 18 अगस्त 2020 को कार्य के दौरान ईसीएल की लखीमता कोलियरी में अपने कार्यस्थल पर उनकी मृत्यु हो गई थी।

भुक्तभोगी बलराम बाउरी अपनी मां की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर ईसीएल में नौकरी पाने के लिए ईसीएल अधिकारियों के पास जाने लगा।

नौकरी दिलाने का भरोसा देकर ले लिए 13.58 लाख का चेक  

एक दिन भाजपा नेता वृहस्पति पासवान ईसीएल मुगमा क्षेत्र के दौरे के दौरान बलराम बाउरी से मिले और नौकरी दिलाने का भरोसा दिया।

वह बलराम बाउरी के घर भी जाने लगे। भाजपा नेता ने कहा कि ईसीएल में नौकरी लगवाने के लिए 10 से 12 लाख रुपया लगेगा।

जैसे ही भाजपा नेता को पता चला कि बलराम बाउरी के खाते में मृत्यु लाभ राशि 13,57,550 रुपये जमा की गई है, उसने बलराम बाउरी से हस्ताक्षर कराकर रिक्त चेक ले लिया। बाद में 11 लाख 70 हजार रुपये की निकासी कर ली।

जब बलराम को पैसे निकासी की जानकारी मिली तो, अपना नियुक्ति पत्र लेने के लिए भाजपा नेता के घर गए, लेकिन भाजपा नेता ने उसे टरकाना शुरू कर दिया।

भाजपा नेता ने आरोपों को बताया बेबुनियाद

भाजपा निरसा मंडल अध्यक्ष बृहस्पति पासवान ने कहा कि उसपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। जुगीतोपा के एक व्यक्ति के इशारे पर मुझपर झूठा मुकदमा दर्ज करवाया गया है। उन्होंने कहा कि बलराम बाउरी मृतका ईसीएलकर्मी खुशी बाउरी का पुत्र नहीं, बल्कि भतीजा है।

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