झारखंड बाजार समिति सचिव द्वारा 3 दर्जन से ज्यादा दुकानें बेचने का आरोप,व्यापारियों ने मामले को लेकर कही ये बात
झारखंड के धनबाद में बाजार समिति के सचिव पर 33 दुकानें बेचने का आरोप है। एक व्यापारी ने तो यह भी आरोप लगाया कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। उनके नाम पर ली गई दुकान को किसी और व्यक्ति को बेच दी गई। सचिव राकेश कुमार सिंह की अपने इलाके में काफी पैठ है। इनके खिलाफ पहले भी कई आरोप लगे हैं। जांच हुई लेकिन उस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं हुई।
By Monu Kumar JhaEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Sat, 23 Sep 2023 01:51 PM (IST)
जागरण संवाददाता, धनबाद (Jharkhand): यूपी के व्यापारी को धनबाद बाजार समिति (Dhanbad Market Committee) के पणन सचिव राकेश सिंह द्वारा दुकानें बेचने के मामले की जांच करने मुख्यालय से टीम धनबाद बाजार समिति(Dhanbad Market Committee) पहुंची। टीम को देख कर समिति के कई व्यपारियों ने पणन सचिव के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि इन्होंने 33 दुकानें बेच दी है।
मगर जांच सिर्फ दो दुकानों की हो रही है। एक व्यापारी ने तो यह भी आरोप लगाया कि उनके साथ धोखा कर उनकी दुकान किसी दूसरे को बेची गई है। पणन सचिव राकेश सिंह (Rakesh Kumar) पर आरोप है कि कृषि उत्पादन बाजार समिति भंग है उसके बाद भी उन्होंने दुकानें कैसे बेची।
यह है पूरा मामला
बाजार समिति (Dhanbad Market Committee) के पणन सचिव राकेश कुमार सिंह(Rakesh Kumar) पर समिति की दुकानों को यूपी के एक व्यापारी को बेचने का मामला सामने आया था। जबकि राज्य में बाजार समिति भंग है और पणन सचिव के पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है। मामला सामने आने के बाद कृषि सचिव अबुबकर सिद्दकी ने मामले की जांच का आदेश दिया है।यह भी पढ़ें: Jharkhand: अब नहीं होगा भेदभाव, होमगार्ड को मिलेगा पुलिसकर्मियों के समान वेतन; सरकार की याचिका खारिज
जिसके बाद कृषि विपणन पार्षद के प्रबंधक कमलेश्वर प्रसाद सिंह की ओर से एक जांच कमेटी का गठन किया गया। जिसमें पर्षद के सचिव अनुज कुमार प्रसाद की अध्यक्षता में पत्राचार लिपिक विनोद उरांव और अर्जुन कुमार पंडित की एक जांच टीम बनाई गई है, जिसे पूरे मामले की जांच सौंपी गई है।
राकेश सिंह इलाके में प्रभावशाली
राकेश कुमार सिंह (Rakesh Kumar) की पार्षद में काफी हनक है। सूत्रों ने बताया कि इनके खिलाफ कई आरोप लगे हैं। हजारीबाग में पणन सचिव रहने के दौरान उनपर गड़बड़ी करने का आरोप लगा था। जांच हुई थी लेकिन उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
गढ़वा में रहते हुए एसीबी ने इन्हें घूस लेते हुए गिरफ्तार किया था।हाल में ही दैनिक जागरण ने बाजार समिति में असेइंग मशीन ( उत्पाद की गुणवत्ता जांच मशीन) की खरीदारी में गड़बड़ी का मामला उजागर किया था।ई-नाम के नोडल अधिकारी होने के नाते राकेश कुमार सिंह ने राज्य के नौ बाजार समिति में मशीन लगाने का दावा किया था। लेकिन कईबाजार समिति में मशीन ही नहीं लगी थी और मनचाही कंपनी को आपूर्ति का टेंडर दिया गया था।
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