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धनबाद नगम न‍िगम ने की पर्यावरण को प्रदूष‍ित करने की बंदोबस्‍ती... कीमत लगी 15 लाख, खरीदार है पूर्व पार्षद

नगर न‍िगम। शहर को प्रदूषण मुक्‍त करना प्राथम‍िकता में है इसकी। पार्क में लोग व्‍यायाम व मॉर्न‍िंग वाक करने आते है। खुली हवा में सांस लेते है। भरपूर ऑक्‍सीजन से खुद को तरोताजा करते है। अब न‍िगम ऐसी ही जगह को व‍िरान कर प्रदूषण का अड्डा बनाने जा रही है।

By Atul SinghEdited By: Updated: Sat, 09 Jul 2022 09:30 AM (IST)
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नगर न‍िगम। शहर को प्रदूषण मुक्‍त करना प्राथम‍िकता में है इसकी। (जागरण)
जागरण संवाददाता, धनबाद : नगर न‍िगम। शहर को प्रदूषण मुक्‍त करना प्राथम‍िकता में है इसके। पार्क में लोग व्‍यायाम व मॉर्न‍िंग वाक करने आते है। खुली हवा में सांस लेते है। भरपूर ऑक्‍सीजन से खुद को तरोताजा करते है। अब न‍िगम ऐसी ही जगह को व‍िरान कर प्रदूषण का अड्डा बनाने जा रही है। पार्क को पॉर्क‍िग बनाया जा रहा है। हीरापुर में आजादी से पहले की च‍िलड्रेंन पार्क। इसकी बंदोबस्‍ती करा दी। 15 लाख रुपये में। अब यहां पार्क नहीं रहेगा बल्‍कि प्रदूषण स्‍थल बनेगा। 

नगर निगम ने हीरापुर पार्क मार्केट के चिल्ड्रन पार्क की बंदोबस्ती कर दी है। पूर्व पार्षद अंदिला देवी के पति किशोर कौशल ने 15 लाख रुपये की बोली लगाकर यह पार्किंग ली है। चिल्ड्रन पार्क को पार्किंग स्थल बनाने का विरोध शुरू हाे गया है। अधिवक्ता सुबोध कुमार ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर शिकायत की है। सुबोध ने अपने पत्र में कहा कि हीरापुर चिल्ड्रन पार्क की जमीन तत्कालीन नगरपालिका धनबाद को एक रुपये वार्षिक दर पर स्पोर्ट्स ग्राउंड एवं लेडीज पार्क बनाने के लिए बिहार सरकार ने 23 फरवरी 1946 को रजिस्टर्ड लीज के जरिए दी थी। इस लीज के आधार पर इस जमीन पर चिल्ड्रन पार्क बनाया गया। अभी तक इसका उपयोग धनबाद के अधिकतर नागरिक उठा रहे थे। इसी वजह से इस पार्क का नाम हीरापुर मार्केट के साथ-साथ पार्क मार्केट पड़ा। अब धनबाद नगर निगम के अधिकारियों ने गलत तरीके से यहां पार्क में वाहन पड़ाव पार्किंग बनाकर जमीन की नीलामी कर दी। झारखंड उच्च न्यायालय ने 18 मार्च 2005 में धनबाद नगर निगम को मूल कार्य से इतर पार्क में अलग गतिविधियां करने से रोक लगाई थी। इसके बाद भी नगर निगम के अधिकारी इस आदेश की अवहेलना कर रहे हैं। पार्क को वाहन पार्किंग स्थल बना दिया। शुल्क तो वसूल ही रहे हैं, वातावरण भी प्रदूषित कर रहे हैं।

2013-14 में साढ़े 33 करोड़ रुपये खर्च कर हुआ था सौंदर्यीकरण

निर्वतमान पार्षद निर्मल मुखर्जी ने बताया कि एकीकृत बिहार सरकार से लेकर झारखंड सरकार तक नगरपालिका का चुनाव न होने कारण पार्क का रखरखाव ठीक से नहीं हो पाया था। जैसे ही नगरपालिका नगर निगम में बदला निगम की पहली मेयर इंदू सिंह, डिप्टी मेयर नीरज सिंह एवं सभी 55 वार्ड पार्षदों ने एकमत होकर चिल्ड्रन पार्क के सौंदर्यीकरण के लिए 2013-14 में एकरारनामा के माध्यम से 33 करोड़ 57 लाख 81 हजार 900 रुपये किया। नगर निकाय का कार्यकाल खत्म हो चुका है। अब नगर निगम इसका संचालन कर रहा है। नगर निगम में मेयर व पार्षद न रहने के कारण निगम के अधिकारी पार्क की जमीन को वाहन पड़ाव में बदल रहे हैं। सुबोध कुमार ने भी अपने पत्र में लिखा है कि ऐसा करना कानूनन लीज का उल्लंघन है। पार्क को पार्किंग स्थल बनाने से यहां की हरियाली समाप्त हो रही है। बच्चे, बूढ़े और महिलाएं पार्क का आनंद लेने से वंचित हो रहे हैं। नगर निगम का मुख्य कार्य शहर को साफ सुथरा रखना एवं प्रदूषणमुक्त बनाना है। इसलिए इस पार्क को चिल्ड्रन पार्क ही रहने दिया जाए, वाहन पड़ाव में न बदला जाए।

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