Dhanbad IIT ISM: मलाई करी में मिलाई गई अंडा करी की ग्रेवी, शुद्ध शाकाहारी छात्रों को हुई परेशानी, बढ़ा विवाद
आईआईटी आईएसएम धनबाद में वेजिटेरियन और नाॅन वेजिटेरियन छात्रों को अलग-अलग न बिठाने को लेकर विवाद चरम पर है। यहां वेजिटेरियन छात्रों की मांग है कि हाॅस्टल के मेस में उनके लिए नॉन वेजिटेरियन छात्रों से अलग बैठने की व्यवस्था की जाए। जबकि प्रबंधन ऐसा करने से इंकार कर रही है। इससे बखेड़ा खड़ा हो गया है। यहां करीब करीब 800 विद्यार्थियों में से 30 प्रतिशत वेजिटेरियन हैं।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 12 Oct 2023 09:36 AM (IST)
जागरण संवाददाता, धनबाद। आईआईटी आईएसएम धनबाद में वेजिटेरियन और नाॅन वेजिटेरियन छात्रों को अलग-अलग न बिठाने को लेकर विवाद शुरू हो गया। वेजिटेरियन छात्र हाॅस्टल के मेस में अपने लिए अलग खाना खाने की व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं। प्रबंधन इसके लिए तैयार नहीं है।
करीब 800 विद्यार्थियों में से 30 प्रतिशत वेजिटेरियन
वेजिटेरियन छात्रों की मांग को छात्रों की मेस कमेटी भी समर्थन दे रही है। इस मामले में अब छात्रों की मेस कमेटी और प्रबंधन आमने-सामने है।
यह मामला आईआईटी आईएसएम के एमटेक और रिसर्च के हाॅस्टल सफायर का है। इस हाॅस्टल में रहने वाले करीब 800 विद्यार्थियों में से 30 प्रतिशत वेजिटेरियन हैं। इस हाॅस्टल में दो डाइनिंग हाॅल है।
आठ अक्टूबर से पहले तक वेजिटेरियन और नान वेजिटेरियन छात्र एक साथ बैठकर डाइनिंग हाॅल में खाना खाते थे।
मलाई कोफ्ता में मिलाई गई अंडा करी की ग्रेवी
वेजिटेरियन छात्रों का आरोप है कि उसी दिन उनके एक साथी को मलाई कोफ्ता में अंडा करी की ग्रेवी मिलाकर मेस स्टाफ ने खाना परोसा था।इस सब्जी से अंडा की बू आने के बाद छात्र ने मेस कमेटी के सामने आपत्ति दर्ज कराई। देखते ही देखते छात्र के समर्थन में सभी वेजिटेरियन छात्र एकजुट हो गए।
वेजिटेरियन छात्रों के विरोध को देखते हुए विद्यार्थियों की मेस कमेटी वेजिटेरियन और नाॅन वेजिटेरियन छात्रों के भोजन की व्यवस्था अलग-अलग डाइनिंग हाॅल में करने की सिफारिश हाॅस्टल वार्डन से की, लेकिन वार्डन इसके लिए तैयार नहीं हुए।यह भी पढ़ें: Ranchi: सरकार के पैसों पर मौज करने वाले डिग्री कॉलेजों के लिए बुरी खबर, अनुदान के लिए इस मानदंड को पूरा करना जरूरी
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।