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Jharkhand News: इनकम टैक्‍स कमिश्‍नर की वसूली का तरीका था सबसे अलग, CBI अधिकारियों का भी चकराया माथा

Dhanbad News देश में नेता के बाद यदि सबसे अधिक भ्रष्टाचार कोई कर रहा है तो वह है सरकारी अधिकारी। ऐसा ही मामला झारखंड के धनबाद से आया है जहां इनकम टैक्‍स कमिश्‍नर संतोष कुमार की वसूली का अलग अंदाज देख सभी ोग हैरान हैं। इस अधिकारी ने वसूली के लिए एक गैंग तक बना रखा था। इस गैंग के जरिए बड़े कारोबारियो को निशाना बनाता था।

By Jagran News Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Wed, 28 Aug 2024 07:11 PM (IST)
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इनकम टैक्‍स कमिश्‍नर शातिर तरीके से करता था वसूली (जागरण)
जागरण संवाददाता, धनबाद। आयकरदाताओं से अवैध रूप से वसूली करने और 10 लाख रुपये लेने के आरोप में सीबीआइ ने पटना और धनबाद के प्रधान आयकर आयुक्त संतोष कुमार समेत उनके सहयोगी गुरपाल सिंह, अशोक चौरसिया, राजीव कुमार उर्फ चीकू और डा. प्रणय पूर्वे को गिरफ्तार किया है।

अब संतोष कुमार समेत रिश्वत मामले में गिरफ्तार पांचों आरोपियों को आज सीबीआइ कोर्ट में पेश किया गया। जांच एजेंसी ने आरोपियों को रिमांड पर देने का आग्रह कोर्ट से किया। जिसे कोर्ट ने स्वीकृत कर दिया। पांचों आरोपी अगले पांच दिन तक सीबीआइ की रिमांड पर रहेंगे। सोमवार को दोपहर बाद इन पांचों को वापस कोर्ट में पेश किया जाएगा।

इनकम टैक्स कमिश्नर की वसूली का अंदाज था अलग

10 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआइ के हाथों गिरफ्तार धनबाद एवं पटना के प्रधान आयकर आयुक्त डा. संतोष कुमार सिंडिकेट बनाकर सेवानिवृत्ति के पूर्व कोयलांचल के बड़े-बड़े कारोबारियों से अधिक से अधिक वसूली करने में जुटे हुए थे। ऐसे कारोबारियों की पूरी सूची उनके पास थी।

उसी सूची के आधार पर उनका सिंडिकेट उनके साथ लगा हुआ था। डा. प्रणय पूर्वे, गुरपाल सिंह, अशोक चौरसिया और डा. पूर्वे के रिश्तेदार पटना के राजीव उर्फ चीकू की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद सीबीआइ इस दिशा में भी अनुसंधान कर रही है।

विदित हो कि डा. संतोष कुमार अगले महीने 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। डा. संतोष के पारिवारिक कार्यक्रमों में भी पकड़े गए लोग शामिल होते रहे हैं। लंबे समय से डा. संतोष कुमार का धनबाद से नाता रहा है। संतोष और पकड़े गए अन्य चारों लोगों के काल डिटेल्स से सीबीआइ साक्ष्य जुटाने की कोशिश कर रही है। सीबीआइ टीम अब पांचों गिरफ्तार लोगों के बैंक खाता व चल अचल संपत्ति का भी सत्यापन करने में जुट गई है।

सीबीआई अधिकारियों का भी चकराया माथा

सीबीआई अधिकारी भी उस समय हैरान रह गए जब संतोष कुमार के पास कारोबारियों की पूरी लिस्ट देखी। सीबीआई अधिकारी हर स्तर से जांच शुरू कर दी है। इस मामले में और भी बड़ी मछली फंस सकती है।

सीबीआई ने 21 जगहों पर की छापेमारी

सीबीआइ के अनुसार टीम को आयकरदाताओं से अवैध वसूली किए जाने की सूचना मिली थी। इसी सूचना के आधार पर सीबीआइ ने प्रारंभिक जांच की। इसके बाद बिहार के पटना, झारखंड के धनबाद और उत्तर प्रदेश के नोएडा के कुल 21 जगहों पर एकसाथ छापेमारी की।

इस दौरान प्रधान आयकर आयुक्त संतोष कुमार समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से आपत्तिजनक दस्तावेज समेत लेनदेन से संबंधित दस्तावेज बरामद किया गया। सीबीआइ के अनुसार मामला संज्ञान में आते ही पहले प्राथमिकी की गई।

इसमें बताया गया कि आरोपित संतोष कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले विभिन्न आयकरदाताओं को अनुचित लाभ देने के लिए राशि की मांग की। संतोष के इस अवैध वसूली के कार्य में अशोक चौरसिया, गुरपाल सिंह, राजीव कुमार और डा. पूर्वे शामिल थे। ये सभी लोग संतोष कुमार के काम में सहयोग करते थे।

संतोष कुमार के कार्यकाल की छापामारी की भी हो रही जांच

 दिल्ली और पटना सीबीआइ की धनबाद में हुई कार्रवाई से यहां हड़कंप मचा हुआ है। हर लोग यह जानने को बेताब हैं कि आखिर गुरपाल सिंह, अशोक चौरसिया और डा. प्रणय पूर्वे की गिरफ्तारी का राज क्या है। यह साफ हो चुका है कि आयकर अधिकारी संतोष कुमार 10 लाख रुपये घूस लेते पकड़े गए हैं।

ऐसे में संतोष कुमार के रहते हुए धनबाद में हुई आयकर विभाग की कार्रवाई भी जांच के दायरे में आ चुकी है। खास कर इसी साल जनवरी माह में आयकर विभाग की टीम ने धनबाद के दो बड़े व्यवसायियों के यहां छापामारी की थी। यह जांच 41 करोड़ रुपये की आयकर चोरी को लेकर की गई थी।

छापामारी के दौरान पांच करोड़ रुपये नकद जब्त किया गया था। इस तरह की छह से सात आयकर छापेमारी के मामले संतोष कुमार के कार्यकाल के हैं, जिन्हें अब सीबीआइ खंगाल रही है। माना जा रहा है कि इनके तार भी आपस में जुड़ सकते हैं।

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