अंग्रेजों को छका कर जिस ट्रेन से निकले सुभाष चंद्र बोस, उसका नाम हुआ नेताजी एक्सप्रेस
धनबाद हावड़ा-कालका मेल का नाम बदल गया है। रेलवे ने अब इस ट्रेन का नाम नेताजी एक्सप्रेस कर दिय
धनबाद : हावड़ा-कालका मेल का नाम बदल गया है। रेलवे ने अब इस ट्रेन का नाम नेताजी एक्सप्रेस कर दिया है। हावड़ा-कालका मेल अब नेताजी एक्सप्रेस बनकर चलेगी। मंगलवार को रेलवे बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर कोचिग राजेश कुमार ने इससे जुड़ा आदेश जारी दिया।
हावड़ा-कालका मेल भारतीय रेल की सबसे पुरानी ट्रेनों में से एक है। एक जनवरी, 1866 को कालका मेल पहली बार चली थी। उस वक्त इस ट्रेन का नाम 63 अप हावड़ा-पेशावर एक्सप्रेस था। 18 जनवरी, 1941 को फिरंगियों को चकमा देकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस इसी ट्रेन पर सवार होकर गोमो जंक्शन से निकले थे। नेताजी की यादों से जुड़ी होने के कारण ही रेलवे ने कालका मेल का नामकरण नेताजी एक्सप्रेस के रूप में किया है। इससे पहले तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने 23 जनवरी, 2009 को गोमो जंक्शन का नामकरण नेताजी सुभाष चंद्र बोस जंक्शन गोमो किया था। हावड़ा-कालका मेल अभी स्पेशल ट्रेन बनकर चल रही है। इस ट्रेन के नियमित बनकर चलने के साथ ही इसके नाम में बदलाव प्रभावी होगा। अभी 02311 अप और 02312 डाउन बनकर चल रही ट्रेन अपने पुराने नंबर 12311 अप और 12312 डाउन नेताजी एक्सप्रेस बनकर चलेगी। कुहासे के दौरान रेल परिचालन में पूरी सावधानी बरतें
धनबाद : कुहासे के दौरान रेल परिचालन में पूरी सावधानी बरतें। खतरे की स्थिति में सिग्नल को पास करने से बचें। चालक और गार्ड एक-दूसरे के नियमित संपर्क में रहें और ट्रेनों की गति उतनी ही रखें जितनी नियंत्रित कर सकते हैं। यह कहना था रेल अधिकारियों का। मौका था रेलवे क्लब में आयोजित सेफ्टी सेमिनार का। इस दौरान यार्ड में खड़ी ट्रेन और मालगाड़ी को लुढ़कने से बचाने, ट्रेन के दो हिस्से में बंटने और पहिए से चिगारी निकलने जैसी घटनाओं की रोकथाम के लिए सतर्कता बरतने का सुझाव दिया गया। मौके पर एडीआरएम आशीष झा, अशोक कुमार, एससी चौधरी समेत अन्य विभागीय अधिकारी व परिचालन, संरक्षा व दूसरे विभागों के कर्मचारी उपस्थित थे।