Dhanbad: कोयले का काला कारोबार करने वालों की खैर नहीं,ड्रोन से होगी चोरों की निगरानी; मुगमा में पायलट प्रोजक्ट
कोयला चोरी से परेशान ईसीएल अब कोयला चोरी पर नियंत्रण पाने के लिए ड्रोन का उपयोग करेगा। इसके अलावा ईसीएल सेटेलाइट मैपिंग के जरिए भी कोयला चोरों की पहचान करेगा। इस योजना को ईसीएल के निरसा मुगमा क्षेत्र में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू किया जाना है।
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Tue, 21 Feb 2023 04:09 PM (IST)
आशीष अंबष्ठ, धनबाद : कोयला चोरी से परेशान ईसीएल अब कोयला चोरी पर नियंत्रण पाने के लिए ड्रोन का उपयोग करेगा। इसके अलावा ईसीएल सेटेलाइट मैपिंग के जरिए भी कोयला चोरों की पहचान करेगा।
कोयला मंत्रालय के एडवायजरी के बाद लिया गया निर्णय
ईसीएल प्रबंधन ने बताया कि ड्रोन और सेटेलाइट मैपिंग से निगरानी रखने का निर्णय कोयला मंत्रालय के एडवाइजरी के बाद लिया गया है। इस निर्णय के अनुसार, ईसीएल के निरसा मुगमा क्षेत्र में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना को लागू किया जाना है। इसके आधार पर अध्ययन रिपोर्ट तैयार कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
इन क्षेत्रों को किया गया शामिल
एडवाइजरी के अनुसार, ईसीएल के सतग्राम, चितरा, राजमहल सहित 14 खनन एरिया को प्रोजेक्ट के लिए शामिल किया गया है। ईसीएल पदाधिकारी एस कुमार ने कहा कि इस पर काम किया जा रहा है।अवैध खनन से परेशान ईसीएल
उच्च प्रबंधन से निर्देश मिलते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। निरसा क्षेत्र को पहले चुना गया है। इस क्षेत्र के कई इलाके में अवैध खनन की निगरानी बहुत जरूरी है। भराई होने के बाद फिर से खनन शुरू हो जाता है इसलिए लोगों की पहचान भी जरूरी है।
रेल लाइन से लेकर एनएच के खतरे को लेकर गंभीर
कोयला मंत्रालय की चिंता इन इलाकों में सड़क और रेल परिवहन को सुचारू बनाए रखने को लेकर है। जबकि अवैध खनन के कारण हावड़ा नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग दो और हावड़ा नई दिल्ली ग्रेंड कोड लाइन पर थापरनगर से लेकर कुमारधुबी के बीच कई स्थानों पर भू-धंसान का खतरा है।पीएमओ को सौंपी गई रिपोर्ट
इससे संबंधित रिपोर्ट कोयला मंत्रालय के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय को भी सौंपी गई है। इसे लेकर आसनसोल रेल मंडल ने भी स्थल निरीक्षण कराया था। जिसके बाद रेल मंत्रालय को एसओएस भेजकर सुरक्षा के आवश्यक कदम उठाने को लेकर दिशा निर्देश मांगा था।
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