Move to Jagran APP

ले ली जान... बच्‍चा चोर समझकर ग‍िर‍िडीह के युवक को धनबाद में पीट-पीट कर हमेशा के ल‍िए कर द‍िया खामोश

प्रदीप रवानी की पत्नी लक्ष्मी देवी ने बताया कि बुधवार को उनके पति के पेट में दर्द शुरू हो गया था इसपर उनकी सास मालती देवी व जीजा पिंटू रवानी उन्हें इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच ले गए। वहां डाक्टर ने उन्हें भर्ती कर इलाज शुरू किया।

By Atul SinghEdited By: Updated: Sun, 18 Sep 2022 12:57 AM (IST)
Hero Image
वहां डाक्टर ने उन्हें भर्ती कर इलाज शुरू किया।
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : गिरिडीह अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के बुधुडीह गांव निवासी 27 वर्षीय प्रदीप रवानी को बुधवार रात को धनबाद के कोला कुसमा में बच्चा चोर कहकर लोगों ने जमकर पिटाई कर दी। बाद में एसएनएमएमसीएच में इलाज के दौरान शुक्रवार रात को उसकी मौत हो गई। स्वजनों ने शनिवार को बिना पोस्टमार्टम के शव को गांव लाकर अंतिम संस्कार कर दिया। घटना से स्वजन काफी सहमे हुए हैं। उन्होंने इस घटना की जानकारी प्रशासन को नहीं दी है। अचानक हुई इस घटना से पूरा परिवार दुखी है।

क्या है मामला : प्रदीप रवानी की पत्नी लक्ष्मी देवी ने बताया कि बुधवार को उनके पति के पेट में दर्द शुरू हो गया था इसपर उनकी सास मालती देवी व जीजा पिंटू रवानी उन्हें इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच ले गए। वहां डाक्टर ने उन्हें भर्ती कर इलाज शुरू किया। दर्द से राहत होने पर बुधवार आधी रात को उनके पति सभी को सोता हुआ छोड़ अस्पताल से बाहर चले गए। सुबह मरीज को बेड पर नहीं देखकर खोजबीन शुरू हुई। इस दौरान एक राहगीर ने बताया कि कोलाकुसमा में कुछ लोग एक अज्ञात व्यक्ति की पिटाई कर रहे थे। जानकारी मिलने पर दोपहर के 12 बजे कोला कुसमा के समीप एक झाड़ी में उनके पति अधमरे स्थिति में मिले।

घायल स्थिति में उन्हें पुनः एसएनएमएमसीएच लाकर भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान शुक्रवार रात को उसकी मौत हो गई। मृतक के संबंधी नंदू रवानी ने बताया कि उनके चचेरे मौसा को शराब की लत थी। इसी कारण वह अस्पताल से रात में बाहर निकले थे। परंतु कुछ लोगों ने उसे बच्चा चोर कहकर पिटाई कर दी। इससे उनकी मौत हो गई। बता दें कि प्रदीप रवानी मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करता था। उसे पत्नी, पिता भूकर रवानी के अलावे तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। पत्नी बोली घटनास्थल पर वह थी नहीं। पीट कर लोगों ने मार दिया।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।