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Dhanbad Police के काम आए Rahul Gandhi! सड़क दुर्घटना रोकने के लिए इस मशहूर डायलॉग का लिया सहारा

धनबाद पुलिस जिले में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई प्रयास कर रही है और इसके लिए राहुल गांधी के मशहूर डायलोग का सहारा भी लिया। आपने इस फेमस डायलॉग को कई बार इंटरनेड मीडिया पर भी सुना होगा और इस डायलाग पर काफी मीम भी बनाए जा चुके हैं। इसमें राहुल गांधी को यह कहते हुए देखा गया है कि खत्म टाटा बाय-बाय।

By Jagran News Edited By: Shoyeb Ahmed Published: Sat, 08 Jun 2024 05:08 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2024 05:08 PM (IST)
Dhanbad Police के काम आए Rahul Gandhi

जागरण संवाददाता, धनबाद। आपने कई बार इंटरनेड मीडिया पर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी के एक डायलाग को बार-बार सुना होगा। इस डायलाग पर काफी मीम भी बनाए गए हैं। इसमें राहुल गांधी को यह कहते हुए पाए गए हैं कि खत्म, टाटा, बाय-बाय। राहुल गांधी ने किसी सभा के दौरान यह शब्द बोले थे।

जिस पर सोशल मीडिया इंफ्लूयेंसर ने काफी मीम बनाए। अब इसी का उपयोग धनबाद पुलिस जिले में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कर रही है। हालांकि इस उपयोग धनबाद पुलिस अपने इंटरनेड मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से कर रही है।

धनबाद पुलिस ने सोशल मीडिया पर किया इस वाक्य का इस्तेमाल 

धनबाद पुलिस के इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म के एक पेज पर इन शब्दों का उपयोग किया गया है। जिसमें बताया गया है कि वाहन चलाते समय अगर आपके अंदर ओवरस्पीड अथवा रोड रेसिंग को लेकर ईगो आता है तो महज छह सेकेंड में ही आपका काम खत्म हो सकता है। ओवरस्पीड और सड़क पर रेसिंग के कारण हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर धनबाद पुलिस थोड़ी सख्त हुई है।

दुर्घटनाएं अब भी लोगों के जेहन में

धनबाद जिले में सड़क दुर्घटनाओं की बात करें तो पुलिस के अनुसार प्रत्येक महीने 20 से 25 लोगों की मौत इसमें होती है। वहीं 30 से अधिक लोग हर माह घायल होते हैं। हाल के दिनों में दो ऐसी सड़क दुर्घटनाएं घटी हैं जो लोगों के जेहन में अब भी हैं। पहली घटना बरटांड से मेमको मोड़ सड़क पर रात में हुई थी।

जिसमें एक काले रंग की तेज रफ्तार वाहन ने डिवाइडर को छलांग लगाते हुए बाहक से जा रहे इंजीनियर राणा दास और उनकी पत्नी मानसी दास को कूचल दिया था। इसमें दोनों की मौत हो गई। जबकि इनका 12 साल का बेटा गंभीर रूप से जख्मी हुआ।

एक साल पहले हुई थी घटना

यह घटना एक साल पूर्व जून 2023 में हुई थी। इसके बाद एक माह पूर्व मई में एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियों ने डिवाइडर पार कर एक स्कूटी को अपनी चपेट में ले लिया था। इस घटना में शिक्षक पुत्री दो सगी बहनों की मौत हो गई थी।

जबकि चंद दिन पहले ही मेममो मोड़ में ही एक स्कार्पियो ने एक बाइक सवार पिता-पुत्री को जोरदार धक्का मारा था। इसमें पुत्री की मौत इलाज के दौरान हो गई थी। अब देखना है कि पुलिस की यह मुहिम कितना कारगर साबित होती है।

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