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Jal Shakti Abhiyan में देश में पहले नंबर पर पहुंचा धनबाद, अब फाइनल रैंकिंग का इंतजार

जलशक्ति मंत्रालय की रैंकिंग संबंधी रिपोर्ट के अनुसार धनबाद को पहला रैंक मिला है। जबकि तेलंगाना का महबूबनगर नंबर दो और यूपी का कासगंज जिला नंबर तीन पर है।

By MritunjayEdited By: Updated: Tue, 10 Sep 2019 09:34 AM (IST)
Jal Shakti Abhiyan में देश में पहले नंबर पर पहुंचा धनबाद, अब फाइनल रैंकिंग का इंतजार
धनबाद, जेएनएन। जल शक्ति अभियान में धनबाद ने कमाल कर दिखाया है। जल संरक्षण और वर्षा जल संरक्षण के लिए रिकार्ड पाैधरोपण किया गया है। सिर्फ धनबाद नगर निगम क्षेत्र में ही डेढ़ लाख पाैधे लगाए गए हैं। इसके साथ ही जल संरक्षण के लिए और भी बहुत सारे कदम उठाए गए हैं। नतीजतन, जल शक्ति अभियान में झारखंड का धनबाद जिला पूरे देश में नंबर वन स्थान पर पहुंच गया है। हालांकि यह फाइनल रैंकिंग नहीं है। जल शक्ति अभियान 1 जुलाई को शुरू हुआ था। यह अभियान 15 सितंबर तक चलेगा। इसके बाद फाइनल रैंकिंग जारी होगी।

टॉप टेन में झारखंड का धनबाद इकलौता जिला:
धनबाद जिला प्रशासन की सोच, नगर निगम की मेहनत और दैनिक जागरण के जागरूकता भरे अभियान का नतीजा यह निकला कि धनबाद का देशभर में नाम हो गया। सोमवार को जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जारी ताजा रैंकिंग में धनबाद को देश में पहला रैंक मिला है। पिछले माह धनबाद तीसरे स्थान पर था। धनबाद ने उत्तर प्रदेश के कासगंज और गुजरात के बनस कंठा को पछाडऩे हुए यह उपलब्धि हासिल की है। बनस कंठा पिछली दफा पहले और कासगंज दूसरे स्थान पर था। इस बार की रैंकिंग में दूसरे स्थान पर तेलंगाना का महबूब नगर और तीसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश का कासगंज जिला है। टॉप-10 की सूची में झारखंड से इकलौता धनबाद शहर ही शामिल है। स्कोर की बात करें तो धनबाद को 91.38, महबूब नगर को 89.15 और कासगंज को 70.43 स्कोर मिला है। मंत्रालय ने इस अभियान में शामिल 254 जिलों की रिपोर्ट जारी की है। धनबाद को यहां तक पहुंचाने में जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, तालाब जीर्णोद्धार, पानी के दुबारा उपयोग, रीचार्ज, जलछाजन, प्रखंड स्तर पर जल संरक्षण, प्रत्येक गांव स्तर पर कृषि विकास मेला, पौधारोपण और दैनिक जागरण का अभियान कितना-कितना पानी, आधा गिलास पानी, सहेज लो हर बूंद अभियान का महत्वपूर्ण योगदान रहा। जागरण का यह अभियान सिर्फ धनबाद में ही नहीं बल्कि राज्य के सभी जिलों में व्यापक स्तर पर अनवरत जारी है।

      धनबाद को पहले स्थान पर पहुंचाने में इनकी भूमिका

  • जिले में अबतक 23 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं।
  • एक घंटे मेंं रिकार्ड 1.41 लाख पौधे जिले में लगाए गए।
  • जलशक्ति अभियान के तहत जिले में 900 से अधिक तालाब।
  • जिले के लगभग सभी प्रखंडों में 15 हजार ट्रेंच कटिंग।
  • 20 लाख पौधारोपण का लक्ष्य।
  • सभी नए अपार्टमेंट्स में अनिवार्य रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था।
  • पुराने अपार्टमेंट्स, भवन (सरकारी-निजी), मकान में वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य।
  • लूज बोल्डर स्ट्रक्चर, ड्रम चेक डैम और जलाशयों का जीर्णोद्धार।
  • जल संरक्षण को जनांदोलन का स्वरूप देने के कॉफी विद मुखिया कार्यक्रम।
  • सभी पंचायतों में ग्रामसभा का आयोजन।
  • कहीं खो न जाए तालाब कार्यक्रम के तहत हर गांव के तीन-तीन तालाबों का जीर्णोद्धार।
  • घर का पानी घर में कार्यक्रम के तहत महिलाओं को सोख्ता बनाने तथा पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया गया। जल संरक्षण को लेकर कई प्रतियोगिताएं।

    दो दिन में यहां हुआ एक लाख पौधारोपण
  • मेमको मोड़ से सिटी सेंटर।
  • गोल बिल्डिंग से रणधीर वर्मा चौक।
  • मटकुरिया से पुटकी।
  • बैंक मोड़ से कतरास मोड़।
  • सिटी सेंटर चौक से बैंक मोड़ वाया पूजा टॉकिज।
  • गोल बिल्डिंग चौक से गोविंदपुर चौक।
  • किसान चौक से गोविंदपुर चौक।
26 अगस्त को डीसी ने दिल्ली में किया था अनुभव साझाः पिछले माह जल शक्ति अभियान में धनबाद जिला पूरे देश भर में तीसरे स्थान पर आया था। इस उपलब्धि पर कैबिनेट सचिव ने उपायुक्त अमित कुमार को 26 अगस्त को दिल्ली बुलाया। यहां उपायुक्त ने धनबाद में अभियान की स्थिति और यहां का अनुभव जल शक्ति मंत्रालय से साझा किया था। उस समय भी मंत्रालय ने धनबाद की काफी सराहना की थी।
रंग लाया दैनिक जागरण का अभियानः धनबाद को यहां तक पहुंचाने में दैनिक जागरण की अहम भूमिका रही। दैनिक जागरण ने अपने अभियान कितना-कितना पानी, आधा गिलास पानी, सहेज लो हर बूंद अभियान के तहत न केवल ग्राउंड लेवल पर काम किया बल्कि बच्चों से बड़ों तक को जागरूक करने में महती भूमिका निभाई। दैनिक जागरण ने जल की समस्या के महत्व को समझते हुए राज्य स्तर पर इस इस अभियान की शुरुआत 22 मार्च को विश्व जल दिवस के दिन से की। यह अभी तक बिना रुके-थके अनवरत जारी है। दैनिक ने बताया कि धनबाद में पानी की कितनी समस्या है, इसके कारक कौन-कौन से हैं, ऐसा क्या करना चाहिए कि जल संचयन हो और भूमिगत जल स्तर में सुधार हो। इस अभियान के तहत गांव-देहात से लेकर शहर तक जल संसद कार्यक्रम आयोजित किए गए।
जागरण के अभियान के बाद अनिवार्य किया वर्षा जल संचयनः धनबाद के 11 ऐसे इलाके हैं, जो ड्राई जोन में तब्दील हो चुके हैं। इसका प्रमुख कारण अत्यधिक भूमिगत जल का दोहन है। इसमें बड़े अपार्टमेंटस, भवन, वाटर बॉटलिंग प्लांट आदि की सीधे तौर पर भूमिका कही जा सकती है। दैनिक जागरण ने इन सब मुद्दों को उठाते हुए लगातार अभियान चलाया कि भूमिगत जल स्तर सुधार के लिए वर्षा जल संचयन करना बहुत जरूरी है। इसका नतीजा यह निकला कि प्रशासनिक अमला का इस ओर ध्यान गया और इसके महत्व को समझते हुए रेन वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य कर दिया। सिर्फ नए भवन या अपार्टमेंट निर्माण में ही नहीं बल्कि पुराने अपार्टमेंट्स को भी अनिवार्य रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाने का निर्देश दिया। यह जागरण के अभियान का असर रहा।
पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ आज जल संरक्षण भी जरूरी हो गया है। रेन हार्वेस्टिंग, वाटर कंजर्वेशन और वाटर मैनेजमेंट जैसी चीजों को बढ़ावा दिया जा रहा। सरकार की ओर से बारिश के पानी को किस तरह बचाया जाए, उसका इस्तेमाल कैसे किया जाए, इसके प्रति धनबाद के लोग जागरूक हुए हैं। आज हर कोई पौधारोपण कर रहा है, यह सब जल शक्ति अभियान से ही संभव हो पाया है। आगे भी प्रयास अनवरत जारी रहेगा।
- चंद्रशेखर अग्रवाल, मेयर धनबाद
देशभर में पहला रैंक मिलने पर पूरे जिलावासियों को बधाई। जल संरक्षण की दिशा में चलाया गया जल शक्ति अभियान जन आंदोलन बनकर उभरा है। प्रशासन और यहां की जनता बधाई की पात्र है। धनबाद को इसी मुकाम पर रखने के लिए आप सभी का सहयोग जरूरी है। धनबाद को हरा भरा बनाने के लिए ग्रीन फंड की शुरुआत की गई है। ग्रीन फंड के लिए एक रुपया दान दें।
- अमित कुमार, उपायुक्त

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