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Dhanbad: रफ्तार नहीं थमी तो 2050 तक समुंदर में जलीय जीव से दोगुना हो जाएगा प्लास्टिक कचरे का वजन

50 वर्षों में प्लास्टिक उत्पादन 22 गुना से ज्यादा बढ़ गया है। हर साल 30 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है जिसमें से लगभग 80 लाख टन समुद्र में गिरते हैं। अगर इसी तरह से प्लास्टिक कचरा नालियों के जरिए नदियों तक पहुंचता रहा तो जीवों को नुकसान पहुंचेगा।

By Atul SinghEdited By: Updated: Thu, 14 Jul 2022 05:45 PM (IST)
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50 वर्षों में प्लास्टिक उत्पादन 22 गुना से ज्यादा बढ़ गया है। (जागरण)
जागरण संवाददाता,धनबाद : 50 वर्षों में प्लास्टिक उत्पादन 22 गुना से ज्यादा बढ़ गया है। हर साल 30 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है जिसमें से लगभग 80 लाख टन समुद्र में गिरते हैं। अगर इसी तरह से प्लास्टिक कचरा नालियों के जरिए नदियों और नदियों के माध्यम से समुंदर तक पहुंचता रहा तो समुद्री जीवों को नुकसान पहुंचेगा ही आने वाले 2050 तक जलीय जीव के वजन से 2 गुना अधिक वजन प्लास्टिक के कचरे का वजन समुंदर में होगा। यह कहना था और कालेज के प्राचार्य डा प्रवीण कुमार सिंह का। मौका था कालेज की ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम को लेकर निकली जागरूकता रैली का।

उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के कचरे को लेकर हुए सर्वे में कई तरह के चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसका प्रतिकूल असर प्रकृति पर पड़ा है। बढ़ते खतरे के मद्देनजर अब सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर पेपर ग्लास, पत्तों के बने दोने, मिट्टी से बने कुल्हड़ और लकड़ी से बने वस्तुओं का उपयोग करना होगा। इसके जरिए काफी हद तक पर्यावरण को सुरक्षित बनाने में मदद मिल सकेगी।

कार्यक्रम में शरीक हुए केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान-सिंफर के सेवानिवृत्त विज्ञानी डा अंजनी कुमार ने कहा कि प्लास्टिक स्टिक वाले एयरबाल, बैलून के साथ उपयोग होने वाले प्लास्टिक स्टिक, थर्माकोल के सामान, कप प्लेट और ग्लास तक 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक से निर्मित होते हैं, जिन पर अब पूरी तरह रोक लग चुकी है।

सरकार के साथ-साथ समाज के हर तबके को इसके लिए जागरूक होना चाहिए। एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डा रत्ना कुमार ने कहा कि प्लास्टिक इंसान के सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए खतरनाक है। सरकार का सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने का निर्णय का स्वागत होना चाहिए और इससे बचने के लिए सामूहिक पहल होनी चाहिए। कार्यक्रम में बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय की सिंगल यूज प्लास्टिक की ब्रांड एंबेसडर खुशी कुमारी ने छात्र छात्राओं से सिंगल यूज प्लास्टिक से नाता तोड़ने की बात कही। कालेज परिसर में स्वच्छता अभियान भी चलाया। डा अजीत कुमार वर्णवाल, डा राजेंद्र प्रसाद, डा कुहेली बनर्जी, प्रोफेसर सुमिरन रजक, प्रो कुसुम रानी, प्रोफेसर तरुण कांति खालको, प्रोफेसर स्नेह लता तिर्की , प्रोफेसर अविनाश कुमार, प्रो अवनीश मौर्य, प्रोफेसर रागिनी शर्मा, प्रोफेसर राजेश ठाकुर, प्रोफेसर पूजा कुमारी, प्रोफेसर स्नेह लता, रवि प्रताप, सुजीत मंडल, एतवा टोप्पो समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

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